सावन की पहली सोमवारी पर शिवभक्ति का महासागर, काशी से प्रयागराज तक गूंजे “हर हर महादेव” के जयकारे

काशी विश्वनाथ मंदिर में डमरू बजाते पहुंचे हजारों यादव श्रद्धालु, निभाई सदियों पुरानी परंपरा

Suditi Raje | Published: July 14, 2025 14:38 IST, Updated: July 14, 2025 14:38 IST
सावन की पहली सोमवारी पर शिवभक्ति का महासागर, काशी से प्रयागराज तक गूंजे "हर हर महादेव" के जयकारे

नई दिल्ली, 14 जुलाई 2025

सावन का पवित्र महीना शुरू होते ही उत्तर प्रदेश शिवभक्ति में डूब गया। पहले सोमवार को प्रदेश के हर जिले के शिवालयों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। काशी, प्रयागराज, गोरखपुर, महाराजगंज, जौनपुर, मऊ से लेकर नेपाल सीमा तक स्थित मंदिरों में शिव नाम का गान गूंजता रहा।

काशी में गूंजे डमरू, निभी ऐतिहासिक परंपरा


वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में हर साल की तरह इस बार भी यादव समाज की ओर से ऐतिहासिक परंपरा के तहत जलाभिषेक किया गया। हजारों यादव श्रद्धालु पारंपरिक वाद्ययंत्रों जैसे डमरू और नगाड़ों के साथ गंगाजल लेकर मंदिर पहुंचे। मान्यता है कि यह परंपरा एक सूखे के दौरान शुरू हुई थी, जब महात्माओं के कहने पर बाबा विश्वनाथ को जल चढ़ाया गया और वर्षा हुई। इस बार करीब 20,000 श्रद्धालुओं ने भाग लिया, हालांकि सुरक्षा व्यवस्था के चलते गर्भगृह में सिर्फ 21 लोगों को प्रवेश मिला।

प्रयागराज में दिव्यांग कांवरियों की आस्था ने किया भावुक


प्रयागराज में आस्था का अद्भुत दृश्य तब देखने को मिला जब दशाश्वमेध घाट से कांवर यात्रा पर निकले दिव्यांग श्रद्धालुओं ने लोगों को भावविभोर कर दिया। प्रतापगढ़ से आए एक दिव्यांग कांवरिया, जो पैरों से असमर्थ हैं, पूरे उत्साह और भक्ति भाव से बोल बम का जयघोष करते हुए यात्रा पर निकले।

नेपाल सीमा तक उमड़ा शिवभक्तों का सैलाब


महाराजगंज जिले के इटहियां धाम में पंचमुखी शिवलिंग पर जलाभिषेक के लिए पूर्वांचल और नेपाल से हजारों श्रद्धालु पहुंचे। सुबह से ही मंदिर परिसर भक्तों से खचाखच भर गया। इस ऐतिहासिक मंदिर की स्थापना निचलौल स्टेट के राजा वृषभसेन ने की थी, जब उनकी गाय नंदिनी ने एक झाड़ी पर दूध बहाया और वहां स्वयंभू पंचमुखी शिवलिंग प्रकट हुआ था।

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गोरखपुर के प्रमुख शिवालयों में भी लगी लंबी कतारें


गोरखपुर के झारखंडी मंदिर, मानसरोवर मंदिर और प्राचीन मुक्तेश्वर नाथ मंदिर समेत कई शिवालयों में सुबह से ही श्रद्धालु जुटे रहे। भक्तों ने दूध, दही, बेलपत्र, पान आदि अर्पित कर भोलेनाथ का अभिषेक किया। पूरे मंदिर परिसर में “हर हर महादेव” के जयघोष गूंजते रहे।

जौनपुर में हाईटेक सुरक्षा इंतजाम, ड्रोन से रखी जा रही निगरानी


सावन की पहली सोमवारी को देखते हुए जौनपुर पुलिस ने विशेष सुरक्षा व्यवस्था की। सभी प्रमुख मंदिरों और कांवर रूट्स पर ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों के जरिए निगरानी की जा रही है ताकि किसी भी स्थिति से तुरंत निपटा जा सके।

मऊ के गौरीशंकर मंदिर में उमड़ा जनसैलाब


कोपागंज स्थित 700 साल पुराने गौरीशंकर मंदिर में भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटी। यह मंदिर वाराणसी-गोरखपुर मार्ग पर स्थित है और मान्यता है कि यहां सच्चे मन से मांगी गई हर मुराद भोलेनाथ जरूर पूरी करते हैं।

सावन की सोमवारी बना आस्था और अनुशासन का उदाहरण


सावन की पहली सोमवारी को पूरे उत्तर प्रदेश ने शिवभक्ति और सामाजिक सौहार्द का सुंदर उदाहरण पेश किया। जहां एक ओर वर्षों पुरानी परंपराएं निभाई गईं, वहीं दिव्यांगों की भक्ति ने लोगों को प्रेरित किया। श्रद्धालुओं की भीड़, सुरक्षा की सतर्क व्यवस्था और आस्था की शक्ति – सब कुछ मिलकर सावन की इस सोमवारी को अविस्मरणीय बना गए।

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