Digital Arrest: बढ़ती डिजिटल ठगी की घटनाएं और इसके पीछे का सच

नई दिल्ली, 23 दिसंबर 2024: बेंगलुरु, कर्नाटक: पिछले कुछ महीनों से एक नया अपराध बढ़ता जा रहा है, जिसे ‘डिजिटल अरेस्ट’ कहा जा रहा है। इस ठगी में, अपराधी अपनी...

Prateeksha Thakur | Published: December 23, 2024 19:13 IST, Updated: December 23, 2024 19:13 IST
बढ़ती डिजिटल ठगी की घटनाएं और इसके पीछे का सच

नई दिल्ली, 23 दिसंबर 2024:

बेंगलुरु, कर्नाटक: पिछले कुछ महीनों से एक नया अपराध बढ़ता जा रहा है, जिसे ‘डिजिटल अरेस्ट’ कहा जा रहा है। इस ठगी में, अपराधी अपनी तकनीकी निपुणता का इस्तेमाल करके किसी व्यक्ति को धमकाकर उसके पैसे ठग लेते हैं, और यह सब डिजिटल माध्यमों से होता है। हाल ही में बेंगलुरु के एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के साथ ऐसी ही एक घटना घटी, जिसमें ठगों ने उसे एक महीने तक डिजिटल अरेस्ट के नाम पर ब्लैकमेल किया और 11.8 करोड़ रुपये का गबन कर लिया।

डिजिटल अरेस्ट क्या है?

डिजिटल अरेस्ट में अपराधी किसी व्यक्ति को एक फर्जी अधिकारी बनकर फोन करते हैं और कहते हैं कि उसका आधार कार्ड, सिम कार्ड या बैंक अकाउंट गलत तरीके से इस्तेमाल हो रहा है। वे इस डर का फायदा उठाकर व्यक्ति को पैसे ट्रांसफर करने पर मजबूर कर देते हैं। यह तकनीकी ठगी का नया रूप है, जो दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। ऐसे अपराधी लोगों को मानसिक रूप से परेशान करके उन्हें किसी बड़े कानूनी संकट में फंसने का डर दिखाते हैं। यही डर उन्हें अपना पैसा ठगने का मौका देता है।

कैसे काम करते हैं डिजिटल ठग?

एक उदाहरण के रूप में, बेंगलुरु में 39 वर्षीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर से हुई ठगी को देखें। ठगों ने उसे पहले फर्जी TRAI अधिकारी के रूप में फोन किया और कहा कि उसके नाम से खरीदी गई सिम से अवैध गतिविधियां की जा रही हैं। फिर उन्होंने यह भी बताया कि उसके आधार कार्ड से मनी लॉन्ड्रिंग की जा रही है और उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा। डर और घबराहट में, इंजीनियर ने दोबारा कॉल पर दिए गए निर्देशों का पालन किया और लाखों रुपये ट्रांसफर कर दिए। इसी तरह से ठगों ने इस एक महीने के दौरान 11.8 करोड़ रुपये हड़प लिए।

अब तक के मामले:

डिजिटल अरेस्ट से जुड़े कई और मामले सामने आए हैं। साइबर अपराधों का यह नया तरीका तेजी से फैल रहा है और ना केवल बेंगलुरु, बल्कि अन्य शहरों और राज्यों में भी इसके शिकार लोग सामने आ रहे हैं। पुलिस और साइबर विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे अपराधों के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है। ठगों के इस नेटवर्क को पकड़ने के लिए जांच भी तेज की गई है।

डिजिटल ठगी से बचने के लिए लोगों को सतर्क रहना जरूरी है। कभी भी किसी अजनबी कॉलर या संदिग्ध संदेश से डरकर तुरंत पैसे न ट्रांसफर करें। ऐसे मामलों को लेकर जागरूकता और सावधानी ही एकमात्र सुरक्षा उपाय है।