यमन में भारतीय नर्स को मौत की सजा: 16 जुलाई को गोली मारी जाएगी निमिषा प्रिया, सुप्रीम कोर्ट में अंतिम कोशिशें जारी

यमन में हत्या का दोषी ठहराए जाने के बाद मौत की कतार में खड़ी है केरल की बेटी

Suditi Raje | Published: July 10, 2025 19:13 IST, Updated: July 10, 2025 19:13 IST
यमन में भारतीय नर्स को मौत की सजा: 16 जुलाई को गोली मारी जाएगी निमिषा प्रिया, सुप्रीम कोर्ट में अंतिम कोशिशें जारी

नई दिल्ली , 10 जुलाई 2025

यमन की जेल में बंद केरल की रहने वाली भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को 16 जुलाई को मौत की सजा दी जानी है। यमन में नागरिक तलाल अब्दो महदी की हत्या के मामले में दोषी ठहराई गई निमिषा को गोली मारकर सजा-ए-मौत दी जाएगी। भारत सरकार उसे बचाने के लिए प्रयासरत है और 14 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका पर सुनवाई होनी है।

यमन में कैसे दी जाती है मौत की सजा?


यमन में वर्तमान में मृत्युदंड देने का एकमात्र तरीका है – पीठ पर गोली मारकर हत्या। जल्लाद, डॉक्टर द्वारा चिह्नित स्थान पर राइफल से फायर करता है ताकि गोली सीधे दिल को भेदे।
पहले यमन में पत्थर मारकर, सिर कलम करके या सरेआम फांसी देने जैसी सजाएं भी दी जाती थीं।

मौत की सजा का कानूनी ढांचा


यमन के दंड प्रक्रिया संहिता के तहत, राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद ही किसी दोषी को मृत्युदंड दिया जाता है।
कुछ प्रमुख प्रावधान:

आर्टिकल 477–479: दोषी पुलिस की निगरानी में रहेगा, सुप्रीम कोर्ट का निर्णय महाअभियोजक के जरिए राष्ट्रपति तक जाएगा।

आर्टिकल 485: गोली मारने की सजा।

आर्टिकल 488: अगर कोई रिश्तेदार शव का दावा न करे तो दफन का खर्च सरकार उठाती है।

यह भी पढ़े: Saif Ali Khan को बड़ा झटका, 15,000 करोड़ की नवाबी संपत्ति पर वारिस होने का दावा खारिज, घोषित हुई ‘दुश्मन की संपत्ति’

कैसे पहुंचीं निमिषा यमन?


2018 में, 19 साल की उम्र में, निमिषा बेहतर रोजगार के लिए यमन गई थीं। वहां एक सरकारी अस्पताल में नौकरी लगी। बाद में उन्होंने केरल लौटकर टॉमी थॉमस से शादी की और फिर यमन लौटकर 2012 में एक बेटी को जन्म दिया। बेटी को पालने के लिए पति भारत लौट गया।

एक क्लिनिक से शुरू हुई मुसीबत


निमिषा ने यमन में एक क्लिनिक खोलने के लिए स्थानीय नागरिक तलाल महदी को बिजनेस पार्टनर बनाया, क्योंकि वहां विदेशी नागरिक अकेले व्यवसाय नहीं खोल सकते। लेकिन महदी ने उसके साथ धोखा किया। उसने क्लिनिक पर कब्जा कर लिया, निमिषा का पासपोर्ट छीन लिया और खुद को उसका पति बताने लगा। वह शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित भी करने लगा।

हत्या और गिरफ्तारी


2017 में, एक स्थानीय महिला की सलाह पर निमिषा ने महदी को नशा देकर बेहोश करने की योजना बनाई, ताकि वह पासपोर्ट लेकर भारत लौट सके। लेकिन दूसरी बार दी गई ओवरडोज़ से महदी की मौत हो गई। शव को उन्होंने टुकड़ों में कर एक टैंक में डाल दिया। फरार होने की कोशिश में निमिषा सऊदी सीमा के पास गिरफ्तार हो गईं।

2024 में यमन की अदालत ने उन्हें मौत की सजा सुनाई, जिसकी मंजूरी हूती विद्रोही सरकार ने दे दी है। अब 16 जुलाई को उन्हें गोली मारने की सजा दी जानी है।

भारत सरकार की कोशिशें


भारत सरकार और कई मानवाधिकार संगठन निमिषा को बचाने के प्रयास कर रहे हैं। इस सिलसिले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर की गई है, जिसकी सुनवाई 14 जुलाई को होनी है। अंतिम उम्मीद अब भारत के न्यायालय और कूटनीतिक प्रयासों पर टिकी है।

यह भी पढ़े: Triptii Dimri की ‘Dhadak 2’ को मिला रूमर्ड बॉयफ्रेंड सैम मर्चेंट का खास समर्थन, इंस्टाग्राम पर पोस्टर शेयर कर जताई एक्साइटमेंट