1 अगस्त से बदल जाएंगे UPI के नियम: जानिए नई गाइडलाइंस और आम जनता पर इसका असर

UPI में लिमिट से लेकर टाइम स्लॉट तक जानिए क्या बदल रहा है 1 अगस्त से

Suditi Raje | Published: July 29, 2025 17:32 IST, Updated: July 29, 2025 17:32 IST
1 अगस्त से बदल जाएंगे UPI के नियम: जानिए नई गाइडलाइंस और आम जनता पर इसका असर

नई दिल्ली, 29 जुलाई 2025

अगर आप रोज़मर्रा के भुगतान के लिए यूपीआई (UPI) का इस्तेमाल करते हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद ज़रूरी है। 1 अगस्त 2025 से यूपीआई से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण नियमों में बदलाव होने जा रहा है, जो आम यूजर्स के साथ-साथ व्यापारियों को भी प्रभावित कर सकते हैं। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने ये बदलाव सिस्टम पर बढ़ते लोड को कम करने और ट्रांजैक्शन को ज्यादा सुरक्षित और सुव्यवस्थित बनाने के लिए किए हैं।

बैलेंस चेक करने की लिमिट होगी फिक्स


1 अगस्त से यूपीआई ऐप्स के ज़रिए बैलेंस चेक करने पर भी सीमा तय कर दी गई है। अब कोई भी यूजर एक दिन में अधिकतम 50 बार ही बैलेंस चेक कर सकेगा।
NPCI के अनुसार, बार-बार बैलेंस चेक करने से सिस्टम पर अनावश्यक लोड बढ़ता है, जिससे कई बार नेटवर्क क्रैश हो जाता है। यह सीमा आम उपभोक्ताओं के लिए पर्याप्त मानी जा रही है, लेकिन छोटे व्यापारियों और फ्रीलांसरों के लिए यह थोड़ा असुविधाजनक हो सकता है।

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AutoPay ट्रांजैक्शन के लिए तय होंगे टाइम स्लॉट


अब तक EMI, बिजली-पानी के बिल, OTT सब्सक्रिप्शन आदि के लिए AutoPay ट्रांजैक्शन किसी भी समय प्रोसेस हो जाते थे। लेकिन नए नियम के तहत अब इन्हें निर्धारित समय स्लॉट में ही प्रोसेस किया जाएगा।
इससे एक ही समय पर ट्रांजैक्शन का दबाव कम होगा और सिस्टम स्मूद तरीके से काम करेगा। यूजर्स को समय पर भुगतान की बेहतर सुविधा मिलेगी।

2 हजार रुपये से अधिक के UPI ट्रांजैक्शन पर नहीं लगेगा GST


इन नियमों के बीच एक राहत भरी खबर भी है। सरकार ने साफ किया है कि ₹2,000 से अधिक की यूपीआई ट्रांजैक्शन पर कोई GST नहीं लगेगा।
राज्यसभा में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने 22 जुलाई को स्पष्ट किया कि जीएसटी काउंसिल ने यूपीआई ट्रांजैक्शन पर टैक्स लगाने की कोई सिफारिश नहीं की है। इससे आम उपभोक्ताओं और छोटे व्यापारियों को राहत मिलेगी।

क्या होगा आप पर असर?

  • अगर आप दिनभर में बार-बार बैलेंस चेक करते हैं, तो लिमिट के कारण थोड़ी सावधानी बरतनी होगी।
  • AutoPay से जुड़े बिलों का भुगतान अब पहले से तय स्लॉट में होगा, जिससे ट्रांजैक्शन तेजी से होंगे।
  • GST को लेकर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा, जिससे डिजिटल भुगतान को बढ़ावा मिलेगा।

NPCI के ये नए नियम यूपीआई इकोसिस्टम को और भी मजबूत और स्थिर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं। अगर आप डिजिटल भुगतान के नियमित यूजर हैं, तो इन बदलावों की जानकारी रखना आपके लिए ज़रूरी है ताकि आप आगे किसी असुविधा से बच सकें।

अब समय है स्मार्ट पेमेंट का — लिमिट को समझिए और अपने ट्रांजैक्शन प्लान के साथ आगे बढ़िए!

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