11 जुलाई से शुरू होगा सावन 2025: शिव पूजा, व्रत और वास्तु से जुड़े अहम नियम जानें
सावन की शुरुआत से पहले करें धार्मिक तैयारी, मिलेगी आत्मिक शांति नई दिल्ली, 18 जून 2025 हिंदू पंचांग के अनुसार भगवान शिव को समर्पित पवित्र माह सावन इस वर्ष 11...
सावन की शुरुआत से पहले करें धार्मिक तैयारी, मिलेगी आत्मिक शांति
नई दिल्ली, 18 जून 2025
हिंदू पंचांग के अनुसार भगवान शिव को समर्पित पवित्र माह सावन इस वर्ष 11 जुलाई 2025 से प्रारंभ होकर 9 अगस्त 2025 को समाप्त होगा। यह संपूर्ण मास भक्ति, तपस्या और शिव उपासना का प्रतीक माना जाता है। विशेषकर सावन के सोमवार (सावन सोमवर) का विशेष महत्व होता है, जब श्रद्धालु व्रत रखकर भोलेनाथ का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
सावन का अधिकतम आध्यात्मिक लाभ उठाने के लिए धार्मिक आचार्य और वास्तु विशेषज्ञ कुछ खास उपायों और नियमों को अपनाने की सलाह देते हैं, जिनसे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और भक्तों को शिव कृपा प्राप्त होती है।
सावन से पहले करें घर की शुद्धि और वास्तु के अनुसार बदलाव
सावन की शुरुआत से पहले घर को साफ-सुथरा और पवित्र बनाना अत्यंत जरूरी माना गया है। पूजा कक्ष या आराधना स्थल की विशेष सफाई की जाती है। साथ ही गंगा जल का छिड़काव पूरे घर में करना शुभ माना जाता है, जिससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
यदि घर में टूटी-फूटी मूर्तियां या खंडित धार्मिक वस्तुएं हैं, तो उन्हें सावधानीपूर्वक किसी नदी में प्रवाहित करें, पीपल के वृक्ष के नीचे रखें या नजदीकी मंदिर में सौंप दें।
इस माह में मांसाहार, लहसुन-प्याज, शराब और तामसिक वस्तुओं से दूरी बनाए रखना चाहिए क्योंकि ये वास्तु दोष उत्पन्न करते हैं और पूजा-पाठ के प्रभाव को कम कर सकते हैं।
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सावन में कैसे करें शिव आराधना और व्रत पालन?
सावन माह में शिव आराधना और सोमवार के व्रत रखने से विशेष पुण्यफल प्राप्त होता है। कई श्रद्धालु इस दौरान धरती पर सोने, संकल्प लेकर उपवास करने और दिनभर शिव मंत्रों का जाप करने का नियम अपनाते हैं।
इस वर्ष सावन में कुल चार सोमवार आएंगे:
- पहला सावन सोमवार: 14 जुलाई
- दूसरा सावन सोमवार: 21 जुलाई
- तीसरा सावन सोमवार: 28 जुलाई
- चौथा सावन सोमवार: 4 अगस्त
सावन में शिव भक्ति से पाएं शांति और समृद्धि
सावन माह को भगवान शिव के समीप जाने का उत्तम समय माना गया है। वास्तु नियमों, शिव पूजा, और सोमवार व्रत का पालन करके भक्त न सिर्फ मानसिक शांति पाते हैं बल्कि परिवार में सुख-शांति और समृद्धि भी प्राप्त होती है। यह माह आत्मिक शुद्धि और ईश्वरीय ऊर्जा को आत्मसात करने का उत्तम अवसर होता है।
इस सावन, नियमपूर्वक करें शिव साधना और अनुभव करें भक्ति का अनोखा प्रभाव।
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