उत्तर प्रदेश: फिरोजाबाद का नया नाम चंद्रनगर… नगर निगम द्वारा प्रस्ताव पास, योगी सरकार से भी मंजूरी मिली खबर

उत्तर प्रदेश: फिरोजाबाद का नया नाम चंद्रनगर… नगर निगम द्वारा प्रस्ताव पास, योगी सरकार से भी मंजूरी मिली खबर

1 December 23,

फिरोजाबाद में नगर निगम कार्य समिति ने गुरुवार को चंद्रनगर के नाम परिवर्तन के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है। समिति के 17 सदस्यों में से 12 ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया। इसके साथ ही योगी सरकार से भी जिले का नाम बदलने को लेकर मंजूरी मिलने की खबर है।

नगर निगम कार्य समिति की बैठक गुरुवार को जीवाराम हॉल में हुई, जिसमें प्रस्ताव को 12 सदस्यों की ज्यादातरी ने समर्थन दिया। इसमें एक में से भवन कर संशोधन संबंधी प्रस्ताव खारिज हो गया, जो बैठक में 17 में से एक प्रस्ताव था। नाम परिवर्तन के खिलाफ 12 सदस्यों की सहमति के बाद भवनों के गृहकर का बोझ नहीं बढ़ाया जाएगा।

समिति ने नामांतरण पर लगने वाले शुल्क में बढ़ोतरी के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इसके साथ ही स्वच्छ भारत मिशन के तहत शहर में टॉयलेट निर्माण, साफ-सफाई, और अतिक्रमण के प्रकरणों पर भी चर्चा हुई।

यहां के नागरिकों को राहत मिलने के लिए नामांतरण की मांग थी, और इसके साथ ही अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी बहस हुई। नगर आयुक्त घनश्याम मीणा और उप सभापति श्याम सिंह यादव ने इसमें अपनी हस्तक्षेप की।

पार्षदों ने शहर को साफ और विकसीत बनाने के लिए कई प्रस्तावों को मंजूरी दी है, जिसमें जलकल में महापुरुषों की प्रतिमाएं, स्मार्ट रोड निर्माण, और नवनिर्माण कार्यों के लिए वित्त आयोग से होने वाले प्रस्ताव शामिल हैं।

इन मुद्दों पर हुआ मंथन, मिला आश्वासन -जलकल परिसर में रखीं महापुरुषों की प्रतिमाएं उपयुक्त जगह होंगी स्थापित।

-वार्ड व मोहल्ला में स्थापित निष्प्रोज्य हैंडपंप हटाए जाएंगे।

-शहर में बाजारों, गली और मुख्य सड़कों पर व्याप्त अतिक्रमण के विरुद्ध होगी सख्ती। -20 लाख रुपये तक की लागत वाले निर्माण कार्य टीएसी जांच से होंगे मुक्त।

-कोटला रोड, जलेसर रोड, गंज बाजार व अन्य जगहों पर आवासीय भवनों में बनीं दुकानों व प्रतिष्ठानों का होगा सर्वे।

-जलकल विभाग में पार्षद कक्ष बनाने व रात्रिकालीन सुरक्षा पिकेट का आश्वासन। इन गड़बडियों पर तल्ख रहे पार्षदों के तेवर

-चनौरा खत्ताघर से प्रतिदिन लाखों रुपये का कूड़ा चोरी का प्रकरण।

-स्मार्ट रोड निर्माण में मौरंग व बालू की जगह खपाई जा रही डस्ट। -पार्षदों की सुनवाई नहीं करने वाले अफसरों-कर्मचारियों पर कार्रवाई की मांग।

-उपसभपति व क्षेत्रीय पार्षद द्वारा कहे जाने के बावजूद सुहागनगर से तहसील सदर तक टाॅयलेट निर्माण नहीं कराए जाने।

-डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन को नामित संस्था के कार्याें की जांच को कमेटी बनाने की मांग। -स्मार्ट रोड पर सीमेंट के साथ डस्ट इस्तेमाल की भी होगी जांच।

देश पॉलिटिक्स