07 दिसंबर 2023, नई दिल्ली
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश, राजस्थान, और छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री के नामों पर कई तरह की चर्चाएं हो रही हैं। यह कहा जा रहा है कि भाजपा इन तीनों राज्यों में नए चेहरों को मुख्यमंत्री के पद के लिए उम्मीदवार बना सकती है। मध्य प्रदेश में, शिवराज सिंह चौहान की स्थिति मजबूत है, जबकि राजस्थान में वसुंधरा राजे सिंधिया अपनी ताकत को दिखा रही हैं।
इस दौरान, भाजपा ने सभी विधानसभा सांसदों से इस्तीफा लेने का निर्णय किया है। इस परिस्थिति में, तीनों राज्यों में मुख्यमंत्री की चुनौती और दिलचस्पीपूर्ण हो गई है। विधानसभा चुनाव के परिणाम तीन दिसंबर को घोषित किए गए थे। कांग्रेस ने तेलंगाना में चुनाव जीतने के बाद कुछ ही दिनों में नए मुख्यमंत्री का नाम घोषित कर दिया था। बीजेपी इस मुकाबले में कांग्रेस से पीछे रह गई है। इसलिए, इस प्रक्रिया में तीनों राज्यों को नए मुख्यमंत्री मिलने में कम से कम 4-5 दिनों का समय लगेगा। इस प्रकार की चर्चा की जा रही है।
संसदीय दल की बैठक में सीएम के नाम की मुहर लगेगी?
भाजपा के संसदीय दल की आज शाम एक बैठक होने वाली है, जिसमें सीएम के नाम का निर्धारण किया जा सकता है। इस बैठक में सीएम का चयन होने की सम्भावना है, हालांकि भाजपा संसदीय दल की बैठक में पर्यवेक्षक की नियुक्ति भी हो सकती है। ये पर्यवेक्षक राज्यों की राजधानियों पहुंचेंगे और वहां पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से राय मशविरा करेंगे। इसके बाद, विधायक दल की बैठक होगी, जिसमें नेता का चयन होगा।
राज्यों के नेताओं और विधायकों से फीडबैक मिलने के बाद, भाजपा आलाकमान को इसकी जानकारी देगी। आलाकमान द्वारा सीएम पद के लिए एक विधायक के नाम की प्रस्तुति की जाएगी। भाजपा आलाकमान की सफलता के बाद, सीएम का शपथग्रहण समारोह आयोजित किया जाएगा। इस प्रक्रिया में चार से पांच दिनों का समय लगने की संभावना है।
तीनों राज्यों में
नए प्रयोग की चर्चा
छत्तीसगढ़ में, भाजपा ने किसी नए चेहरे को मुख्यमंत्री के रूप में प्रस्तुत करने की चर्चा की जा रही थी। वहीं, मध्य प्रदेश में और राजस्थान में भी संसदीय स्थानों की खाली जगहों को भरने के लिए नए नेतृत्व की बहस हो रही है। चर्चा है कि मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री के साथ दो उपमुख्यमंत्री और छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री के साथ एक उपमुख्यमंत्री चयन किया जा सकता है। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि तीनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों का नाम अगले एक-दो दिनों में स्पष्ट हो जाएगा, जब पर्यवेक्षकों की तैनाती होगी और उन्हें राज्यों में जाकर राय लेने का कार्य सम्पन्न होगा।