जानिए क्यों मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति ने भारत से मांगी माफी

जानिए क्यों मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति ने भारत से मांगी माफी

नई दिल्ली, 9 मार्च 2024

मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति भारत आए हैं, और इसी बीच उन्होंने भारत द्वारा बॉयकॉट किए जाने पर मालदीव पर जो प्रभाव पड़ा है को लेकर अपनी चिंता जाहिर की है।

उन्होंने मालदीव के लोगों की ओर से माफी मांगी और भारतीय पर्यटकों के देश का दौरा जारी रखने की अपनी इच्छा पर जोर दिया है। नशीद ने मालदीव पर बहिष्कार के असर को बताते हुए उन्होंने कहा है की इससे मालदीव पर बहुत असर पड़ा है, और उनके लिए यह चिंता का विषय है। जो भी हुआ इसका उन्हें और मालदीव के लोगों को खेद है। हम चाहते हैं कि भारतीय लोग अपनी छुट्टियों पर मालदीव आएं और उनकी मेहमानवाजी में कोई बदलाव नहीं होगा। उन्होंने वर्तमान राष्ट्रपति द्वारा बहिष्कार के लिए जिम्मेदार लोगों को हटाने की कार्रवाई की भी सराहना की है। उन्होंने कहा है कि हमें इन सब चीजों को सुलझाकर आगे बढ़ना चाहिए।

ऐतिहासिक संबंधों पर बात करते हुए नशीद ने चुनौतियों के दौरान भारत के जिम्मेदार दृष्टिकोण को , “जब मालदीव के राष्ट्रपति चाहते थे कि भारतीय सैन्यकर्मी चले जाएं, तब भारत सरकार ने ताकत का प्रदर्शन नहीं किया और उस पर हामी भरते हुए बातचीत का प्रस्ताव रखा”।

हाल ही में “डोर्नियर उड़ान और हेलीकॉप्टर” पर चर्चाओं को संबोधित करते हुए, नशीद ने राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू से ऐसी बातचीत बंद करने का आग्रह किया उन्होने कहा, “यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि राष्ट्रपति मुइज्जू ने ये चर्चाएं कीं। मैं उन्हें फोन करूंगा कि कृपया डोर्नियर उड़ान और हेलीकॉप्टरों पर इन चर्चाओं को रोकें।” उन्हें चिकित्सा निकासी के लिए मालदीव लाया गया था, जिसकी आबश्यकता अभी भी है। हमारे द्वीप दूरी पर स्थित हैं, और हमारे पास हर द्वीप पर विकसित अस्पताल नहीं हैं। इसलिए, अक्सर एक मरीज को लाने या ले जाने की आवश्यकता होती है, और ऐसा हवाई मार्ग से जल्दी होता है, इसलिए हमें इसकी आवश्यकता है।”

इस बीच, मालदीव और चीन के बीच हाल ही में हस्ताक्षरित रक्षा समझौते पर नशीद ने कहा, “मुझे नहीं लगता कि यह एक रक्षा समझौता है। मुझे लगता है कि मुइज्जू मुख्य रूप से रबर की गोलियां और आंसू गैस जैसे उपकरण खरीदना चाहते हैं। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार ऐसा सोच रही है। इन सब उपकरणों से शासन नहीं चलता”।

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