दिल्ली सरकार के जनकपुरी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के न्यूरोलॉजी विभाग द्वारा किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि 60 प्रतिशत मरीजों में नींद की समस्या है।
best health advice for better life: जीवन शैली में बदलाव के कारण बढ़ता मोटापा लोगों की चैन की नींद छीन रहा है। दिल्ली सरकार के जनकपुरी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के न्यूरोलॉजी विभाग में मरीजों पर किए गए एक अध्ययन में 60% लोगों में यह समस्या पाई गई। ये लोग अक्सर कहीं भी कुर्सी या अन्य स्थानों पर बैठकर झपकी लेते हैं, सोते समय तेज खर्राटे लेते हैं और दिनभर थकावट व अधूरी नींद की शिकायत करते हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, खराब जीवन शैली के कारण हर दूसरे व्यक्ति में मोटापे की समस्या देखने को मिल रही है। ऐसे लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता है, क्योंकि इनके लिए दिल का दौरा, ब्रेन स्ट्रोक, पार्किन्सन और मूवमेंट डिसऑर्डर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। अक्सर देखा गया है कि ऐसे लोग गाड़ी चलाते समय झपकी के कारण दूसरों के लिए खतरा बन जाते हैं।
न्यूरोलॉजी विभाग की डॉ. वसुंधरा अग्रवाल ने बताया कि हर शनिवार को अस्पताल में मोटापे और अन्य कारणों से प्रभावित मरीजों की नींद की जांच की जाती है। इसमें मरीज को 12 घंटे तक विशेष कक्ष में रखकर उसके सोने का समय, नींद का स्तर, हाथ-पैर हिलाने और खर्राटे लेने का मूल्यांकन किया जाता है। 60% मरीज गंभीर श्रेणी में पाए गए हैं।(best health advice for better life)
12 घंटे की निगरानी में रहता है मरीज
अस्पताल में हर महीने आठ मरीजों की जांच होती है। रात 8 से सुबह 8 बजे तक मरीज डॉक्टर की निगरानी में रहता है। जांच के लिए बनाए गए विशेष कक्ष में तीन प्रकार की जांच होती है: इलेक्ट्रोएन्सेफेलोग्राम (EEG), इलेक्ट्रोओकुलोग्राम (EOG) और इलेक्ट्रोमायोग्राफी (EMG)। जांच के दौरान कंप्यूटर की मदद से मॉनिटरिंग की जाती है। (best health advice for better life)
बचाव के लिए क्या करें
- दिन के समय नहीं सोएं
- मोबाइल और टीवी का उपयोग कम करें
- शाम 4 बजे के बाद कॉफी-चाय न लें
- सोने का समय तय करें
- सोने के कमरे में अंधेरा रखें
- जीवन शैली में सुधार लाएं, योग करें
इन पर रहती है नजर
- कितनी देर तक हल्की नींद में रहा मरीज
- कितनी देर तक गहरी नींद में रहा मरीज