“यूपीएससी के चेयरमैन मनोज सोनी ने अपने कार्यकाल के एक साल बाद ही दिया इस्तीफा, मई 2023 में हुए थे नियुक्त”
20 जुलाई 2024,नई दिल्ली
यूनियन पब्लिक सर्विस कमिशन (UPSC) के अध्यक्ष मनोज सोनी ने अपना इस्तीफा देने का निर्णय लिया है, टेन्यर के खत्म होने से पांच साल पहले। उनका कार्यकाल 2029 में समाप्त होने वाला था। उन्होंने इस निर्णय से जाहिर किया है कि वो “व्यक्तिगत कारणों” से इस्तीफा दे रहे हैं और उनका किसी भी फर्जी प्रमाणपत्र के आरोपों से कोई संबंध नहीं है।
मनोज सोनी ने 2017 से UPSC के सदस्य के रूप में कार्य किया था और 16 मई, 2023 को UPSC अध्यक्ष का पदभार संभाला था, जिसका कार्यकाल छह साल का होता है। उन्होंने अनुमानित रूप से एक महीने पहले राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा दिया था, हालांकि इसके स्वीकार करने की स्थिति अभी तक स्पष्ट नहीं हुई है ।
मनोज सोनी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनके घनिष्ठ संबंधों के लिए जाना जाता है, जिन्होंने उन्हें 2005 में वडोदरा में एमएस विश्वविद्यालय का सबसे युवा कुलपति नियुक्त किया था। यूपीएससी में शामिल होने से पहले, उन्होंने गुजरात के दो विश्वविद्यालयों में कुलपति के रूप में तीन कार्यकालों में काम किया था, जिसमें डॉक्टर बाबासाहेब अंबेडकर ओपन विश्वविद्यालय (बीएओयू) में दो कार्यकाल शामिल हैं।
यूनियन पब्लिक सर्विस कमिशन केंद्र सरकार की ओर से विभिन्न परीक्षाओं के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिसमें सिविल सेवा परीक्षाएं शामिल हैं। इस संस्थान का आमतौर पर आईएएस, आईएफएस, आईपीएस और केंद्रीय सेवाओं में प्रतिष्ठित पदों के लिए उम्मीदवारों की सिफारिश की जाती है।
यूपीएससी प्रोबेशनर आईएएस अधिकारी पूजा खेड़कर के खिलाफ आरोपों के बाद सुर्खियों में हैं, जिन्होंने कथित तौर पर सिविल सेवाओं में प्रवेश पाने के लिए अपने डॉक्यूमेंट्स में जालसाजी की थी। हालांकि, मनोज सोनी के इस्तीफे को लेकर कहा जा रहा है कि इस मामले से उनका कोई संबंध नहीं है।