आम दिनों में लगभग 1800 श्रद्धालु बाबा महाकाल की भस्म आरती देख पाते हैं, लेकिन सावन में देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए मंदिर में चलित भस्म आरती की व्यवस्था की जाती है।
21 जुलाई 2024 , उज्जैन
उज्जैन: श्रावण मास का शुभारंभ आज सोमवार से हो चुका है। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में आज बाबा महाकाल ने अपने भक्तों को हर दिन की तुलना में डेढ़ घंटे पहले ही दर्शन दिए। सबसे पहले वीरभद्र की आज्ञा लेकर चांदी के गेट खोले गए और उसके बाद बाबा महाकाल की विशेष पूजा और भस्म आरती संपन्न हुई।
श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित आशीष ने बताया कि श्रावण कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा और सोमवार के महासंयोग पर आज सुबह 2:30 बजे भस्म आरती की गई। इस दौरान वीरभद्र जी से आज्ञा लेकर मंदिर के पट खुलते ही पुजारियों ने गर्भगृह में स्थित सभी भगवान की प्रतिमाओं का पूजन किया।
भगवान महाकाल का जलाभिषेक दूध, दही, घी, शक्कर पंचामृत और फलों के रस से किया गया। इसके बाद प्रथम घंटाल बजाकर हरि ओम को जल अर्पित किया गया। पुजारियों और पुरोहितों ने इस दौरान बाबा महाकाल का विशेष श्रृंगार कर कपूर आरती के बाद बाबा महाकाल को नवीन मुकुट व मुंड माला धारण कराई। इसके बाद महानिर्वाणी अखाड़े की ओर से भगवान महाकाल को भस्म अर्पित की गई। इस दौरान हजारों श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल के दिव्य दर्शन किए, जिससे पूरा मंदिर परिसर जय श्री महाकाल की गूंज से गुंजायमान हो गया।
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श्रावण मास के पहले सोमवार पर बाबा महाकाल की आज विशेष पूजा अर्चना की गई। भस्म आरती के साथ विशेष महाआरती कर बाबा महाकाल से राष्ट्र की सुख समृद्धि की कामना भी की गई। श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित आशीष गुरु ने बताया कि श्रावण मास में आज एक दुर्लभ संयोग आया है, जब सोमवार से इस महीने की शुरुआत हो रही है।
हर दिन लगभग 1800 श्रद्धालु ही बाबा महाकाल की भस्म आरती के दर्शन कर पाते हैं, लेकिन सावन महीने के दौरान देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को भस्म आरती के दर्शन हो सकें, इसके लिए मंदिर में चलित भस्म आरती की व्यवस्था की जाती है। इस वजह से आज सुबह नंदी हॉल और गणेश मंडपम में श्रद्धालुओं के बैठकर भगवान की भस्म आरती देखने के साथ ही कार्तिक मंडपम से चलित भस्म आरती के दर्शन करने की व्यवस्था की गई। श्री महाकालेश्वर प्रबंध समिति द्वारा ये खास व्यवस्था की गई, जिसका लाभ हजारों श्रद्धालुओं को मिला। भस्म आरती को देखने के बाद श्रद्धालुओं ने अपने आपको धन्य माना और जय श्री महाकाल का उद्घोष किया।
बाबा महाकाल की चलित भस्म आरती देखने के लिए श्रद्धालु बड़ी संख्या में श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचे थे। उन्होंने लंबी लाइनों में लगकर अपनी बारी का इंतजार किया और बाबा महाकाल की भस्म आरती के चलित रूप से दर्शन किए।
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