“दिल्ली मेट्रो में सोशल मीडिया रील्स की वजह से यात्रियों को हो रही थी परेशानी “
26 जुलाई , 2024
दिल्ली मेट्रो में अजीबोगरीब रील्स सोशल मीडिया पर लगातार वायरल हो रहे हैं। कभी कोई नागिन डांस करता नजर आता है, तो कभी कोई मेकअप करता दिखता है। DMRC ने ऐसे ऊटपटांग हरकतें करने वाले 1600 से ज्यादा लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पिछले साल भी DMRC ने बड़ी कार्रवाई की थी, लेकिन इस बार ऐसे मामलों में पिछले साल की तुलना में तीन फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई है।
दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि सिर्फ रील्स बनाने वाले लोगों का डेटा अलग से उपलब्ध नहीं था। जिन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई है, उनमें उपद्रव मचाना, ट्रेन के फर्श पर बैठना और ट्रेन के अंदर खाना खाने जैसे अपराध शामिल हो सकते हैं। आंकड़ों के अनुसार, मेट्रो रेलवे (संचालन और रखरखाव) अधिनियम की धारा 59 के तहत उपद्रव पैदा करने के लिए 1,647 जुर्माना जारी किए गए हैं।
DMRC ने पिछले साल इसी तरह की घटनाओं के लिए लगभग 1600 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। DMRC के अनुसार, अप्रैल में 610, मई में 518, और जून में 519 मामले दर्ज किए गए हैं। DMRC के प्रबंध निदेशक विकास कुमार ने बताया है कि मेट्रो क्षेत्र में उपद्रव करने वालों को दंडित किया गया है। उन्होंने कहा है , “हम अपनी मशीनरी का उपयोग करके यह सुनिश्चित करते हैं कि मेट्रो परिसर में ऐसी घटनाएं न हों। हमारे पास दंड का प्रावधान है और हम उपद्रव करने वालों को दंडित करते हैं। लेकिन समस्या यह है कि हर कोने की जांच करने के लिए हमारे पास पर्याप्त जनशक्ति नहीं है। यदि हमारे पास एक दिन में 67 लाख यात्री हैं, तो इतनी बड़ी संख्या की निगरानी करना आसान नहीं है। हमारे पास सीसीटीवी निगरानी है, जो हमें परिसर में किसी भी घटना का पता लगाने में मदद करती है।”

डीएमआरसी ने यात्रियों को रील बनाने और असुविधा उत्पन्न करने से रोकने के लिए कई मेट्रो स्टेशनों पर पोस्टर भी लगाए हैं। अप्रैल में, डीएमआरसी ने दिल्ली पुलिस से जांच करने को कहा था जब एक ट्रेन के अंदर दो महिलाओं द्वारा एक-दूसरे पर रंग लगाने का वीडियो ऑनलाइन वायरल हुआ था। होली के समय सामने आए इस वीडियो को यात्रियों के एक बड़े वर्ग ने आलोचित किया था। डीएमआरसी ने तब कहा था कि वह यात्रियों को ऐसी गतिविधियों से रोकने के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह के अभियान चला रहा है, जो अन्य यात्रियों के लिए असुविधा का कारण बन सकती हैं। अनुचित गतिविधियों की जांच के लिए कई बार मोबाइल चेकिंग टीम भी तैनात की जाती है।