alcohol addiction-किंग्स कॉलेज लंदन का शराब पीने की बीमारी पर शोध, खोजा एक जीन जो बनता शराब पीने की लत का कारण alcohol addiction

alcohol addiction-किंग्स कॉलेज लंदन का शराब पीने की बीमारी पर शोध, खोजा एक जीन जो बनता शराब पीने की लत का कारण alcohol addiction

alcohol addiction
किंग्स कॉलेज लंदन का शराब पीने की बीमारी पर शोध, खोजा एक जीन जो बनता शराब पीने की लत का कारण
  • 14 साल की उम्र के 663 बच्चों पर किया गया अध्ययन

नई दिल्ली।

alcohol addiction

शराब पीने (alcohol addiction) के शौकीन दुनिया भर में हैं, लेकिन कई लोग इस नशे के आदि हो जाते हैं। उनसे शराब पीने की लत छूटे नहीं छूटती है। ऐसा क्यों होता है, इसका किंग्स कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं ने खुलासा किया है। उनके अध्ययन के अनुसार जिन लोगों से शराब नहीं छूटती है और वह लगातार इसे पीने के लिए आतूर होते हैं, उनमें एक ऐसा जीन होता है जो उनकी इस बीमारी का जिम्मेदार होता है। शोधकर्ताओं ने इस जीन को RASGRF-2 नाम दिया है।

बता दें कि लगातार शराब पीने की इस बीमारी को लेकर शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन 14 साल के 663 बच्चों पर किया। जिसमें उन्होंने बच्चों को ऐसे काम करने के लिए कहा था, जिससे मस्तिष्क का वेंट्रल स्ट्रिएटम सक्रिय हो सके। डोपामाइन रिलीज होने में इस हिस्से की बड़ी अहमियत होती है। लेकिन दो साल बाद 16 साल की उम्र में शोधकर्ताओं ने जब इन बच्चों से फिर से मुलाकात की, तो चौंकाने वाले परिणाम सामने आए।

दरअसल, जिन बच्चों में RASGRF-2 जीन था, उनमें जीन के बिना वाले लोगों की तुलना में अधिक बार और आसानी से शराब पीने की आदत देखी गई। हालांकि अध्ययन के प्रमुख लेखक प्रोफेसर गुंटर शूमैन के अनुसार कई अन्य जीन और माहौल का प्रभाव भी शराब की लत बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। लेकिन इस जीन का प्रभाव ज्यादा होता है।-(alcohol addiction)

गौरतलब है कि वर्तमान में शराब पीना बहुत सामान्य है। भारत में तो बेइतंहा शराब की बिक्री होती है। काफी लोग इस लत का शिकार हो जाते हैं। किंग्स कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं ने इसी को लेकर प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज में एक अध्ययन प्रकाशित किया है। -(alcohol addiction)

इस शोध के अनुसार RASGRF-2 नामक जीन लोगों में शराब की लत लगने या बीमारी का कारण होता है। यह शोध जेनेटिक्स, मस्तिष्क रसायन विज्ञान और शराब के साथ हमारे संबंधों को लेकर किया गया था। (alcohol addiction)

इस शोध में डोपामाइन पर विशेष ध्यान दिया गया है। डोपामाइन मस्तिष्क में मजे और खुशी से जुड़ा एक न्यूरोट्रांसमीटर है। जब हमें कोई चीज मजेदार लगती है, जैसे कि टेस्टी फूड खाना या फेवरेट म्यूजिक सुनना, तो डोपामाइन का स्तर बढ़ जाता है, जिससे सुकून महसूस होता है। -(alcohol addiction)

यह मजे देने वाली चीजों की आदत को बढ़ाता है। शोधकर्ताओं का मानना है कि RASGRF-2 जीन शराब पीने पर डोपामाइन के निकलने के तरीके से जुड़ा हो सकता है। उनकी रिसर्च बताती है कि जिन लोगों में यह जीन पाया जाता है, उनमें शराब पीने के बाद डोपामाइन का स्तर अधिक बढ़ जाता है, जिससे उन्हें अधिक सुकून महसूस होता है।-(alcohol addiction)

15 वर्ष या अधिक आयु के 31.2 फीसदी लोगों को शराब की लत

भारत में 15 वर्ष या उससे अधिक आयु के 31.2 फीसदी लोग शराब का सेवन करते हैं। इनमें से 3.8 फीसदी वह लोग भी हैं जो इसकी लत का बुरी तरह शिकार हैं और आए दिन बड़ी मात्रा में शराब पीते हैं, जबकि 12.3 फीसदी वह हैं जो कभी-कभार काफी ज्यादा शराब पीते हैं। भारत में 15 वर्ष या उससे अधिक आयु के करीब 41 फीसदी पुरुष शराब पीते हैं, जबकि महिलाओं में संख्या 20.8 फीसदी है।(alcohol addiction)

दुनिया में करीब 40 करोड़ लोग शराब-नशीली दवाओं से होने वाली बीमारियों से पीड़ित

दुनिया भर में करीब 40 करोड़ लोग शराब और नशीली दवाओं के कारण होने वाली बीमारियों से पीड़ित हैं। यह दुनिया की कुल मौतों का 4.7 फीसदी है। यानी हर 20 में से एक मौत के लिए शराब जिम्मेदार है।

यह जानकारी विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की ‘ग्लोबल स्टेटस रिपोर्ट ऑन ऐल्कॉहॉल एंड हेल्थ एंड ट्रीटमेंट ऑफ सब्सटेंस यूज डिसऑर्डर’ में सामने आई है। शराब के अत्यधिक सेवन से कई तरह की समस्याएं सामने आती हैं।_(alcohol addiction)

इनमें लीवर से जुड़ी बीमारियों से लेकर कैंसर तक शामिल है। रिपोर्ट में इस बात की भी पुष्टि हुई है कि 2019 में शराब की वजह से होने वाली 26 लाख मौतों में से 16 लाख मौतें गैर-संचारी रोगों जैसे कैंसर से 4,01000 और दिल की बीमारियों से 4,74,000 मौतें हुईं।

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शराब से इस तरह मरते लोग, सड़क दुर्घटना में ही मर गए 92 हजार

ड्रग एब्यूज़ स्टैटिस्टिक्स ऑर्गनाइजेशन के मुताबिक हर साल शराब से जुड़े कारणों से 3,584 लोगों की मौत ज़्यादा ब्लड प्रेशर की वजह से, 4,258 लोगों की मौत शराब निर्भरता सिंड्रोम से, और 2,591 लोगों की मौत शराब के दुरुपयोग से होती है।-(alcohol addiction)

डब्ल्यूएचओ की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2016 में भारत में शराब पीने से 2.64 लाख से ज़्यादा मौतें हुई थीं। इनमें से 1 लाख 40 हजार 632 लोगों की मौत सिर्फ लिवर सिरोसिस से हुई थी, जबकि 92 हजार से ज्यादा लोगों की मौत सड़क हादसों में हुई थी। (alcohol addiction)

चीन से डबल से भी ज्यादा हैं भारत में शराब से मरने वाले

भारत में शराब की वजह से मौतों के मामले में हालात और बुरे हैं। यहां एक लाख मौतों में शराब से 38.5 फीसदी मौतें हो रही हैं। यह संख्या चीन से दोगुनी से भी अधिक है। चीन में प्रति एक लाख मौतों में शराब से मरने वालों की संख्या 16.1 फीसदी है।

भारत में शराब की बिक्री

भारत में शराब की बिक्री पिछले कुछ सालों में लगातार बढ़ रही है. वित्त वर्ष 2022-23 में भारत में बनी विदेशी शराब (आईएमएफएल) की बिक्री मात्रा के लिहाज़ से 14 प्रतिशत बढ़कर 38.5 करोड़ पेटी तक पहुंच गई. एक पेटी में 9 लीटर शराब होती है. इस तरह से देखें तो पिछले वित्त वर्ष के दौरान भारतीयों ने करीब 350 करोड़ लीटर शराब की खरीदारी की। यह अब तक किसी एक वित्त वर्ष में हुई सबसे ज़्यादा बिक्री है।

यह आंकड़ा कोविड महामारी से पहले यानी वित्त वर्ष 2019-20 की तुलना में करीब 12 फ़ीसदी ज़्यादा है। कन्फ़ेडरेशन ऑफ़ इंडियन अल्कोहॉलिक बेवरेज कंपनीज़ (सीआईएबीसी) ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि चालू वित्त वर्ष में उद्योग में आठ प्रतिशत की बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। इसके साथ कुल बिक्री करीब 42 करोड़ पेटी तक पहुंच सकती है।

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