#15,000 से अधिक सदस्यों ने कौशल, तकनीक और भारत के भविष्य के बुनियादी ढांचे पर की चर्चा
# एनपीसी ने एकता, नवाचार और सामुदायिक सेवा पर जोर दिया
*नई दिल्ली, 21 सितंबर, 2024*
क्लब एनपीसी का वार्षिक महासभा (एजीएम) और नेटवर्किंग कार्यक्रम 21 सितंबर 2024 को नई दिल्ली के पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स में सफलतापूर्वक आयोजित हुआ। इस आयोजन में 15,000 से अधिक सदस्य, उद्योग जगत के नेता और विशेषज्ञ शामिल हुए, जिन्होंने निर्माण क्षेत्र में नवाचार, ज्ञान-विनिमय और भारत के बुनियादी ढांचे के विकास पर विचार-विमर्श किया।
प्रसिद्ध वास्तुकार प्रोफेसर चरणजीत सिंह शाह, जो ‘एयरपोर्ट किंग ऑफ इंडिया’ के नाम से जाने जाते हैं, उन्होंने सभा को मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित किया। श्री शाह ने निर्माण उद्योग में नए कौशल और तकनीक के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, “प्रधानमंत्री मोदी के ‘विकसित भारत 2047’ मिशन को प्राप्त करने के लिए हमें अपने श्रमिकों को ऑटोकैड और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे उन्नत कौशल से लैस करना होगा। यह सिर्फ तकनीक को उन्नत करने की बात नहीं है, बल्कि श्रमिकों को सशक्त बनाने की भी आवश्यकता है।”
क्लब एनपीसी इंडिया के अध्यक्ष, श्री योगेश जगतरामका ने कार्यक्रम की शुरुआत में संगठन के मूल्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “हम एक ऐसा नेटवर्क बनाना चाहते हैं जो भारत को आगे बढ़ा सके। हम एक परिवार हैं, जो *जनता का, जनता के लिए, और जनता द्वारा* है। मिलकर हम भारत के निर्माण और बुनियादी ढांचे का भविष्य बदल सकते हैं।”
उपाध्यक्ष श्री करन अरोड़ा ने आत्म-अन्वेषण और शिक्षा के महत्व पर बल दिया, “हमारा ध्यान अपने कौशल और ज्ञान को उन्नत करते रहना है, ताकि हम निर्माण उद्योग में अग्रणी बने रहें।”
सचिव श्रीमती रीतु भटनागर ने क्लब के माध्यम से बने रिश्तों को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा, “ये दोस्ती और आपसी संबंध न केवल हमारे पेशेवर जीवन को बल्कि हमारे व्यक्तिगत जीवन को भी समृद्ध बनाते हैं।”
कोषाध्यक्ष और निदेशक वित्त श्री मोहम्मद परवेज़ ने क्लब एनपीसी के सदस्यों की महामारी के दौरान की गई सेवा को सराहा। उन्होंने कहा, “हमारे सदस्यों ने *कोरोना योद्धाओं* की तरह काम किया, यह सुनिश्चित किया कि महत्वपूर्ण निर्माण परियोजनाएं चुनौतीपूर्ण समय में भी जारी रहें।”
क्लब एनपीसी का यह आयोजन निर्माण उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण था, जिसमें भविष्य के नवाचारों, तकनीकी उन्नति और सहयोगी विकास की संभावनाओं पर चर्चा हुई। यह आयोजन भारत के निर्माण क्षेत्र को मजबूत करने और भविष्य में और बड़े बदलावों का आधार तैयार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।