ड्रोन क्षेत्र के विकास में स्वदेशीकरण और पीएलआई योजना पर जोर: वुमलुनमंग वुअलनम

ड्रोन क्षेत्र के विकास में स्वदेशीकरण और पीएलआई योजना पर जोर: वुमलुनमंग वुअलनम

राष्ट्र सुरक्षा के लिए ड्रोन में स्वदेशी क्षमता आवश्यक है। भारतीय सेना वित्तीय सहायता और मार्गदर्शन के माध्यम से ड्रोन उद्योग का समर्थन करेगी”: मेजर जनरल सी.एस. मान, अतिरिक्त महानिदेशक, आर्मी डिज़ाइन ब्यूरो, भारतीय सेना

नई दिल्ली, 09 अक्टूबर 2024:

भारत सरकार के नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सचिव श्री वुमलुनमंग वुअलनाम ने आज पुनः पुष्टि की, कि सरकार का लक्ष्य है कि 2030 तक भारत एक वैश्विक ड्रोन केंद्र बने। 

FICCI सेमिनार ‘भारत ड्रोन वार्ता’, जिसका विषय– ‘भारत में ड्रोन के स्वदेशीकरण को बढ़ावा देना’ था, को संबोधित करते हुए नागरिक उड्डयन सचिव ने कहा कि ड्रोन क्षेत्र में पीएलआई योजना का प्रभाव दिख रहा है, जिससे इस क्षेत्र में और विकास को गति मिली है। उन्होंने FICCI से उद्योग जगत को सुझाव देने का आग्रह किया ताकि ड्रोन के लिए पीएलआई योजना का अगला चरण कार्यान्वयन, दस्तावेज़ीकरण और प्रक्रियाओं में अधिक कुशल हो। 

श्री वुअलनाम ने आगे कहा कि नागरिक और सुरक्षा क्षेत्र में ड्रोन के उपयोग में वृद्धि के साथ, इस क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। हमें इस क्षमता को पूरी तरह से प्राप्त करने के लिए स्वदेशीकरण पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।”  

मेजर जनरल सी.एस. मान, अतिरिक्त महानिदेशक, आर्मी डिज़ाइन ब्यूरो, भारतीय सेना ने रक्षा प्रौद्योगिकी, विशेष रूप से ड्रोन के स्वदेशीकरण करने के महत्व पर जोर दिया, जिससे आयात कम हो सके। उन्होंने कहा,  “हम एक प्रभावी ढांचा विकसित कर रहे हैं, जो बिना किसी अतिरिक्त स्तर को जोड़े, खरीद, परीक्षण और मूल्यांकन प्रक्रिया को सुचारू करेगा। नया ढांचा मौजूदा कमजोरियों को यथासंभव दूर करने का लक्ष्य रखता है। इसके साथ ही, हम स्वदेशीकरण की रूपरेखा को भी विकसित करेंगे, जिसे नए ढांचे के उद्देश्यों के साथ संरेखित किया जाएगा।”

जनरल मान ने आगे आश्वासन दिया कि आर्मी डिज़ाइन ब्यूरो विभिन्न क्षेत्रों जैसे सुरक्षित संचार और उच्च ऊंचाई वाले ड्रोन के स्वदेशी समाधान विकसित करने में वित्तीय सहायता और मार्गदर्शन प्रदान करके उद्योग का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। 

FICCI ड्रोन समिति के चेयरमैन और एडवर्ब टेक्नोलॉजीज के चेयरमैन श्री जलज दानी ने कहा, “भारतीय ड्रोन क्षेत्र को सरकार से नीति समर्थन प्राप्त हुआ है, जिसमें ड्रोन नियम 2021, उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (PLI) योजना, हवाई क्षेत्र मानचित्र, राष्ट्रीय मानव रहित विमान प्रणाली ट्रैफिक प्रबंधन, नीतिगत ढांचा और अन्य सहायक विकास शामिल हैं। इन सभी का उद्योग और शैक्षणिक जगत द्वारा अच्छी तरह स्वागत किया गया है।” उन्होंने भारत के विकसित राष्ट्र बनने की यात्रा में ड्रोन के महत्व पर भी प्रकाश डाला। 

FICCI ड्रोन समिति के सह-अध्यक्ष और आइडिया फोर्ज टेक्नोलॉजी के सीईओ श्री अंकित मेहता ने कहा कि ड्रोन क्षेत्र रणनीतिक महत्व का है, और इस क्षेत्र में स्वायत्तता प्राप्त करना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा,  “हमें आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करनी चाहिए ताकि हम निरोधी व्यवस्थाओं के प्रति कमजोर न हों और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी विकसित करने की क्षमता बनाए रखें।”उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत की ड्रोन तकनीक को उन्नत करना आवश्यक है ताकि हम वैश्विक प्रतिस्पर्धा में बने रहें और 2030 तक इस क्षेत्र में नेतृत्व हासिल कर सकें। 

FICCI ड्रोन समिति के सह-अध्यक्ष और एस्टेरिया एयरोस्पेस के निदेशक एवं सह-संस्थापक श्री नील मेहता ने FICCI भारत ड्रोन वार्ता में कहा, “वैश्विक ड्रोन केंद्र बनने के लिए हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अधिकांश घटक भारत में ही डिज़ाइन किए गए हों। उद्योग, शिक्षा जगत और सरकार को संयुक्त रूप से देश में प्रत्येक ड्रोन घटक की प्रौद्योगिकी और वाणिज्यिककरण की तैयारी का स्तर निर्धारित करना चाहिए ताकि स्वदेशीकरण को आगे बढ़ाया जा सके।” 

उन्होंने स्थानीय आपूर्ति श्रृंखलाओं पर अधिक ध्यान केंद्रित करने, भारत में बौद्धिक संपदा विकसित करने और सरकार से अधिक समर्थन की आवश्यकता पर भी जोर दिया, जिसमें अनुसंधान एवं विकास के लिए प्रस्तावित 1000 करोड़ रुपये का कोष भी शामिल है। 

कार्यक्रम के दौरान FICCI ड्रोन पुरस्कारों की भी घोषणा की गई। कार्यक्रम में ड्रोन प्रौद्योगिकियों में निम्नलिखित पहलों को सम्मानित किया गया।

संस्था का नामपहल का नाम
बॉटलैब डायनेमिक्सभारत का सबसे बड़ा ड्रोन लाइट शो (राष्ट्रपति भवन में ड्रोन शो)
कर्नाटक राज्य पुलिसड्रोन और काउंटर ड्रोन में कर्नाटक राज्य पुलिस के आंतरिक सुरक्षा प्रभाग द्वारा पुलिस कर्मियों का प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण

फ्लाईजन सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड
ओपन कास्ट कोलफील्ड्स में यूएवी आधारित सेंसर के माध्यम से वायु गुणवत्ता का मापन और निगरानी  
सीएसआईआर – हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थानउच्च रिज़ॉल्यूशन नेक्स्टजेन रिमोट सेंसिंग  

कार्यक्रम के दौरान ‘दुनिया का ड्रोन केंद्र बनने के लिए भारत’ पर एक FICCI चर्चा पत्र भी प्रस्तुत किया गया। प्रति संलग्न है।

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