विश्व शांति दूत डॉ. के.ए. पॉल ने गृह मंत्री अमित शाह से की सुरक्षा मांग, राजनीतिक नेताओं पर गंभीर आरोप

विश्व शांति दूत डॉ. के.ए. पॉल ने गृह मंत्री अमित शाह से की सुरक्षा मांग, राजनीतिक नेताओं पर गंभीर आरोप

नई दिल्ली, 22 अक्टूबर 2024:

विश्व प्रसिद्ध शांति दूत और नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित डॉ. के.ए. पॉल ने गृह मंत्री अमित शाह से अपनी सुरक्षा की गुहार लगाई है। डॉ. पॉल का दावा है कि उन्हें गंभीर जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं और उनका जीवन खतरे में है। ग्लोबल पीस इनिशिएटिव के अध्यक्ष डॉ. पॉल ने आरोप लगाया कि भारत में कुछ शक्तिशाली राजनीतिक ताकतें उन्हें चुप कराना चाहती हैं। ये भी पढ़ें: तेलुगू राजनीति में परिवर्तनकारी नेतृत्व की अपील: डॉ. ए. के. पॉल ने की न्याय और सुधार की मांग

प्रमुख नेताओं पर गंभीर आरोप

अपने पत्र में, डॉ. पॉल ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव, उनके बेटे के.टी. रामा राव, और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू सहित कई शीर्ष नेताओं का जिक्र किया है, जिनके बारे में उनका कहना है कि वे उनकी सुरक्षा में बाधा डाल रहे हैं। डॉ. पॉल ने बताया कि 2022 में सिरसिल्ला में एक हमले के बाद से धमकियों का सिलसिला तेज हो गया है, लेकिन तेलंगाना हाई कोर्ट के आदेशों के बावजूद सुरक्षा प्रदान नहीं की गई है।

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साजिश के दावे

डॉ. पॉल ने आरएसएस और बीजेपी के कुछ चरमपंथी तत्वों पर उन्हें निशाना बनाने की साजिश रचने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि यह साजिश तब शुरू हुई जब उन्होंने भ्रष्टाचार को उजागर किया, जिसमें विजाग स्टील प्लांट की संपत्तियों की अवैध बिक्री का मामला भी शामिल है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि खुफिया रिपोर्टों के बावजूद, उनकी सुरक्षा के लिए अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।

भारत की वैश्विक छवि पर असर की चेतावनी

डॉ. पॉल का कहना है कि अगर उन्हें नुकसान पहुंचता है, तो इससे भारत की लोकतांत्रिक छवि पर गहरा प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा कि उनका नुकसान सरकार की विफलता को उजागर करेगा, जो एक प्रमुख शांति दूत की सुरक्षा सुनिश्चित करने में असमर्थ रही है।

अमित शाह से अंतिम अपील

डॉ. पॉल ने गृह मंत्री अमित शाह से अपील की है कि वे जल्द से जल्द इस मामले में हस्तक्षेप करें और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि वे भारत के किसानों, युवाओं और गरीबों के अधिकारों के लिए संघर्ष जारी रखना चाहते हैं, लेकिन लगातार मिल रही धमकियों के कारण ऐसा करना मुश्किल हो रहा है।

यह मामला अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ध्यान खींच रहा है, और स्थिति पर तेजी से कार्रवाई की मांग की जा रही है।

देश पॉलिटिक्स