डूबते सूर्य को अर्घ्य देने का महत्व: छठ पूजा में संतान सुख और समृद्धि की कामना
07 नवंबर 2024, नई दिल्ली
छठ पूजा के तीसरे दिन को विशेष महत्व प्राप्त है, क्योंकि यह दिन संतान सुख, परिवार के कल्याण और सूर्य देव के प्रति आभार व्यक्त करने का होता है। इस दिन व्रती (पूजा करने वाले) डूबते हुए सूर्य को संध्या अर्घ्य अर्पित करते हैं। इसमें मुख्य रूप से संतान सुख और परिवार की खुशहाली के लिए सूर्य देव से आशीर्वाद प्राप्त करने की इच्छा की जाती है। संध्या के समय, लोग अपने परिवार के साथ घाट पर जाते हैं और डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर सूर्य देव का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
संध्याकाल अर्घ्य का समय
ज्योतिषाचार्य डॉ. अरुणेश कुमार शर्मा के अनुसार, इस वर्ष छठ पूजा का संध्याकाल अर्घ्य 7 नवंबर, गुरुवार को दिया जाएगा। दिल्ली में सूर्यास्त का समय शाम 5 बजकर 32 मिनट पर है, इसलिए अर्घ्य का समय भी 5:32 बजे निर्धारित है। ध्यान दें कि सूर्यास्त के समय के अनुसार हर शहर का संध्या अर्घ्य समय भिन्न हो सकता है।
यह भी पढ़े: बिहार की बेटी, लोक संगीत की आवाज़: छठ के दौरान शारदा सिन्हा का निधन
सूर्य देव को अर्घ्य देने की पूजा विधि
छठ पूजा के तीसरे दिन व्रती को प्रातःकाल जल्दी उठकर गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए। यदि नदी उपलब्ध न हो, तो घर में ही स्नान कर सकते हैं। इसके बाद पूजा स्थल को साफ-सुथरा कर, वहां एक चौकी स्थापित करें। चौकी पर सूर्य देव की प्रतिमा या तस्वीर रखें, घी का दीपक जलाएं और सूर्य देव को फल, फूल, गन्ना, ठेकुआ तथा अन्य प्रसाद अर्पित करें।
डूबते हुए सूर्य की ओर मुख करके थाली में सभी पूजा सामग्री लेकर खड़े हो जाएं। “ॐ सूर्याय नमः” और “ॐ श्री सूर्याय नमः” जैसे मंत्रों का जाप करते हुए सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करें। अर्घ्य देने के बाद सूर्य देव को प्रणाम करें और उनसे अपने परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करें।
छठ पूजा में सूर्य देव की पूजा का महत्व
छठ पर्व के माध्यम से सूर्य देव और छठी मैया की पूजा कर लोग अपने परिवार की खुशहाली और संतान की दीर्घायु की कामना करते हैं। सूर्य को जीवन, ऊर्जा और शक्ति का प्रतीक माना गया है, और इसलिए इस दिन सूर्य देव को अर्घ्य देकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करना महत्वपूर्ण माना गया है। इस पूजा का उद्देश्य परिवार में स्वास्थ्य, समृद्धि और सुख की प्राप्ति के लिए सूर्य देव का आशीर्वाद पाना है।
अर्घ्य देने के लिए आवश्यक सामग्री (Puja Samagri List)
तांबे का लोटा
गंगाजल
दूध
दही
शहद
गन्ना
फल
फूल
ठेकुआ
नारियल
दीपक
घी
अगरबत्ती
रोली
चंदन
कनेर के फूल
सूप (बांस की बनी टोकरी), जिसमें फल और पकवान रखें
छठ पूजा के इस विशेष अवसर पर सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित कर उनसे स्वास्थ्य, समृद्धि और परिवार की खुशहाली का आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है।
यह भी पढ़े: महाशिवरात्रि के पावन दिन पर उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में भक्तों की भीड़