दिल्ली मेट्रो: बढ़ते प्रदूषण के बीच एक भरोसेमंद विकल्प,येलो लाइन पर रिकॉर्ड तोड़ यात्री संख्या-मेट्रो प्रबंधन ने सेवा में किए बड़े सुधार
20 नवंबर 2024, नई दिल्ली
दिल्ली में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे राजधानी की हवा खतरनाक और जहरीली हो गई है। प्रदूषण को कम करने और जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने कई सख्त कदम उठाए हैं। इनमें प्राइवेट गाड़ियों पर प्रतिबंध जैसे उपाय शामिल हैं। इन प्रतिबंधों के चलते, दिल्ली मेट्रो यात्रियों के लिए एक महत्वपूर्ण विकल्प बन गई है।
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एक दिन में 78 लाख यात्रियों का नया रिकॉर्ड
हाल ही में, दिल्ली मेट्रो ने एक दिन में 78 लाख यात्रियों के सफर का नया रिकॉर्ड बनाया। यह संख्या अब तक का सबसे अधिक है। इससे पहले, इसी साल 20 अगस्त को 77.49 लाख लोगों ने मेट्रो से सफर किया था। यह वृद्धि मुख्य रूप से दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण और सड़क पर गाड़ियों पर लगे प्रतिबंधों की वजह से हुई है। पेट्रोल की यूरो-3 और डीजल की यूरो-4 श्रेणी की गाड़ियों पर लगाए गए प्रतिबंध ने बड़ी संख्या में लोगों को मेट्रो की ओर आकर्षित किया है।
डीटीसी बस हड़ताल और मेट्रो का सहारा
प्रदूषण के अलावा, डीटीसी बसों के कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों की हड़ताल ने भी यात्रियों को मे,ट्रो का रुख करने पर मजबूर कर दिया। कई बस सेवाएं बाधित होने के कारण, मेट्रो एकमात्र भरोसेमंद पब्लिक ट्रांसपोर्ट विकल्प बन गया। मेट्रो प्रबंधन ने भी यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी को देखते हुए अपनी सेवाओं को बेहतर बनाने के प्रयास किए हैं।
सबसे व्यस्त मेट्रो लाइनें
यात्रियों की सबसे अधिक संख्या येलो लाइन पर देखी गई, जहां गुरुग्राम से समयपुर बादली तक 20.99 लाख लोगों ने सफर किया। इसके अलावा:
ब्लू लाइन (वैशाली से नोएडा): 20.80 लाख यात्री
रेड लाइन (गाजियाबाद से रिठाला): 8.56 लाख यात्री
पिंक लाइन (मजलिस पार्क से शिव विहार): 8.15 लाख यात्री
वायलेट लाइन (कश्मीरी गेट से फरीदाबाद): 7.93 लाख यात्री
मजेंटा लाइन (जनकपुरी वेस्ट से बॉटेनिकल गार्डन): 6.19 लाख यात्री
ग्रीन लाइन (कीर्ति नगर से बहादुरगढ़): 4.12 लाख यात्री
ग्रे लाइन (द्वारका से ढांसा बस स्टैंड): 50 हजार यात्री
एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन: 81 हजार यात्री
यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, मेट्रो प्रबंधन ने अपने ट्रेन चक्कर बढ़ा दिए हैं। पहले जहां हफ्तेभर में अतिरिक्त ट्रेनों का संचालन होता था, अब यह रोजाना हो रहा है। मेट्रो प्रबंधन का उद्देश्य है कि हर यात्री को सुरक्षित, सुविधाजनक और समय पर यात्रा मिले।