डॉ. के. ए. पॉल ने तेलुगू राज्यों के लिए उठाई न्याय की आवाज, हैदराबाद में नए संसद भवन के निर्माण का प्रस्ताव

डॉ. के. ए. पॉल ने तेलुगू राज्यों के लिए उठाई न्याय की आवाज, हैदराबाद में नए संसद भवन के निर्माण का प्रस्ताव

डॉ. के. ए. पॉल ने संसद शीतकालीन सत्र को हैदराबाद स्थानांतरित करने की भी रखी मांग

नई दिल्ली, 2 दिसंबर, 2024:

प्रजा शांति पार्टी के अध्यक्ष और ग्लोबल पीस इनिशिएटिव के संस्थापक डॉ. के. ए. पॉल ने आज नई दिल्ली स्थित आंध्र भवन में एक महत्वपूर्ण प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए तेलुगू राज्यों के लिए न्याय की मांग की। इस दौरान उन्होंने तेलुगू भाषी परिवारों के बीच एकता की आवश्यकता पर जोर दिया और दक्षिण भारत के लिए समान प्रशासन की बात की। डॉ. पॉल ने विशेष रूप से आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने, विशाखापत्तनम स्टील प्लांट की सुरक्षा और संसद शीतकालीन सत्र को हैदराबाद स्थानांतरित करने का मुद्दा उठाया।

डॉ. पॉल ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों की कड़ी निंदा करते हुए कहा, “यह केवल भारत का नहीं, बल्कि पूरी दुनिया का मुद्दा है। हमें एकजुट होकर मानव गरिमा और शांति की रक्षा करनी होगी।” उन्होंने इस मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव से तत्काल हस्तक्षेप की अपील की है। इसके साथ ही, प्रधानमंत्री मोदी से आग्रह किया कि वे बांग्लादेश का दौरा करें या विदेश मंत्री को भेजें ताकि हिंसा रुक सके।

दिल्ली के बढ़ते वायु प्रदूषण के बीच डॉ. पॉल ने संसद के शीतकालीन सत्र को हैदराबाद स्थानांतरित करने की मांग की। उन्होंने कहा, “दिल्ली की वायु गुणवत्ता न केवल स्वास्थ्य के लिए खतरे की घंटी है, बल्कि यह भारत की वैश्विक छवि को भी प्रभावित कर रही है। हैदराबाद की भौगोलिक स्थिति और कनेक्टिविटी को देखते हुए यह कदम सभी क्षेत्रों के लिए लाभकारी साबित होगा।”

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तेलुगू राज्य की राजनीति पर बात करते हुए डॉ. पॉल ने आंध्र प्रदेश के वादों की अनदेखी और विशाखापत्तनम स्टील प्लांट की बिक्री पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने आरोप लगाया कि पवन कल्याण और चंद्रबाबू नायडू जैसे नेताओं ने अपनी राजनीतिक भलाई के लिए तेलुगू नागरिकों के हितों की अनदेखी की है। डॉ. पॉल ने पवन कल्याण को बीजेपी के साथ गठबंधन कर अपने परिवार के लिए राजनीतिक लाभ प्राप्त करने की भी आलोचना की।

आखिर में डॉ. पॉल ने तेलुगू एकता और समानता के लिए एक मजबूत दृष्टिकोण पेश किया। उन्होंने कहा, “अब वक्त आ गया है कि दक्षिण भारतीय समान सम्मान और प्रतिनिधित्व की मांग करें।” इसके अलावा, उन्होंने हैदराबाद में एक नए संसद भवन के निर्माण का प्रस्ताव भी रखा, जो सभी क्षेत्रों के लिए सुलभ और भौगोलिक दृष्टि से उपयुक्त होगा।

डॉ. पॉल ने अपनी बातों से यह साफ कर दिया कि वे तेलुगू राज्यों के अधिकारों के लिए संघर्ष करेंगे और इसके लिए हर संभव कदम उठाएंगे।

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