03 दिसंबर 2024, नई दिल्ली
मणिपुर में हाल ही में हुई हिंसा ने वहां के जनजीवन को गहराई से प्रभावित किया है। कई जिलों में अभी भी मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद हैं, और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन लगातार प्रयासरत है। असामाजिक तत्वों द्वारा माहौल बिगाड़ने की कोशिशों पर पुलिस सख्ती से कार्रवाई कर रही है। वहीं, पिछले महीनों हुई भीषण हिंसा के अपराधियों को पकड़ने की कोशिशें भी जारी हैं।
इस बीच, छात्रों की समस्याएं उजागर हो रही हैं, खासतौर पर यूजीसी-नेट परीक्षा को लेकर। कुकी छात्र संगठन ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) से मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में यूजीसी-नेट परीक्षा केंद्र स्थापित करने की मांग की है।
छात्रों की समस्या और कुकी संगठन की मांग
कुकी छात्र संगठन के शिक्षा सचिव, थांगमोई हाओकिप ने NTA की सीनियर डायरेक्टर (परीक्षा), डॉ. साधना परासर को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने छात्रों की सुरक्षा और कठिनाइयों का जिक्र किया। उनका कहना है कि मौजूदा हिंसक हालातों में छात्रों के लिए इम्फाल जैसे संवेदनशील स्थान पर जाकर परीक्षा देना बेहद मुश्किल और जोखिम भरा है। उन्होंने NTA से एक सुरक्षित परीक्षा केंद्र की व्यवस्था करने की अपील की, ताकि छात्र तनावमुक्त माहौल में परीक्षा दे सकें।
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परीक्षा का शेड्यूल
यूजीसी-नेट दिसंबर 2024 की परीक्षा 1 जनवरी से 19 जनवरी 2025 के बीच आयोजित की जाएगी। यह परीक्षा पूरे देश में 350 से अधिक परीक्षा केंद्रों पर होगी। रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया 10 दिसंबर 2024 तक जारी है, और आवेदन में सुधार के लिए करेक्शन विंडो 12-13 दिसंबर के बीच उपलब्ध रहेगी। इच्छुक उम्मीदवार NTA की आधिकारिक वेबसाइट ugcnet.nta.ac.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।
यूजीसी-नेट परीक्षा का महत्व और पैटर्न
यूजीसी-नेट परीक्षा साल में दो बार (जून और दिसंबर) आयोजित होती है। यह परीक्षा देशभर के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में सहायक प्रोफेसर पद और जूनियर रिसर्च फेलोशिप के लिए अर्हता प्रदान करती है।
अर्हता: उम्मीदवार के पास मास्टर डिग्री या समकक्ष परीक्षा में न्यूनतम 55% अंक (ओबीसी नॉन-क्रीमी लेयर/एससी/एसटी/दिव्यांग के लिए 50%) होने चाहिए।
पैटर्न: परीक्षा में दो पेपर होते हैं:
पेपर I: सामान्य ज्ञान, तर्कशक्ति और शिक्षण क्षमता से जुड़े प्रश्न।
पेपर II: संबंधित विषय के प्रश्न।
इस साल से परीक्षा में दो नए विषय, डिजास्टर मैनेजमेंट और आयुर्वेद बायोलॉजी, जोड़े गए हैं, जिससे अब कुल 85 विषयों के लिए परीक्षा आयोजित होगी।
मणिपुर में परीक्षा केंद्र की जरूरत
मणिपुर के छात्रों की मांग केवल परीक्षा देने के लिए सुरक्षित और सुविधाजनक स्थान की है। हिंसा से प्रभावित क्षेत्र में परीक्षा केंद्र स्थापित करने से छात्रों की परेशानियों को काफी हद तक कम किया जा सकता है। कुकी छात्र संगठन की यह पहल छात्रों के लिए एक राहत भरी मांग साबित हो सकती है।सरकार और NTA से उम्मीद की जा रही है कि वे छात्रों की इस मांग पर विचार करेंगे और उनके भविष्य को सुरक्षित करने के लिए उचित कदम उठाएंगे।
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