रेवाड़ी के दूल्हे ने पेश की मिसाल: दहेज प्रथा के खिलाफ लिया बड़ा फैसला

रेवाड़ी के दूल्हे ने पेश की मिसाल: दहेज प्रथा के खिलाफ लिया बड़ा फैसला

दहेज नहीं, जागरूकता जरूरी: सौरव ने समाज को दी नई दिशा।

05 दिसंबर 2024 , नई दिल्ली

हरियाणा के रेवाड़ी में एक दूल्हे ने दहेज प्रथा के खिलाफ शानदार मिसाल पेश की है। धारण गांव निवासी सौरव डागर ने अपनी शादी में दहेज के तौर पर दिए गए 11 लाख रुपये लौटाकर सिर्फ 1 रुपये का शगुन लिया। सौरव का मानना है कि दहेज जैसी कुप्रथा को खत्म करने के लिए यह कदम उठाना जरूरी है।

सौरव की शादी 6 दिसंबर को महेंद्रगढ़ जिले के कौथल खुर्द गांव की सपना के साथ होनी है। शादी से पहले 4 दिसंबर को सपना का परिवार लग्न लेकर सौरव के गांव पहुंचा। लग्न समारोह में जब दूल्हे को तिलक के बाद 11 लाख रुपये शगुन के तौर पर दिए गए, तो सौरव ने सभी का सम्मान करते हुए पूरे पैसे लौटा दिए और सिर्फ 1 रुपये का शगुन स्वीकार किया।

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दहेज प्रथा के खिलाफ लिया बड़ा फैसला रेवाड़ी के दूल्हे ने पेश की मिसाल

सौरव ने अपने ससुराल वालों से कहा कि वे इस फैसले को गलत न समझें। उन्होंने भात में भी केवल 1 रुपये लिया, ताकि समाज को यह संदेश दिया जा सके कि दहेज प्रथा को खत्म करना कितना जरूरी है। इस समारोह में मौजूद हरियाणा पुलिस के डीएसपी राजेश चेची ने भी सौरव की पहल की सराहना की और इसे समाज के लिए प्रेरणादायक बताया।

सौरव मां भारती फाउंडेशन के नाम से एक सामाजिक संस्था चलाते हैं, जो सामाजिक सुधार के कार्यों में सक्रिय है। उन्होंने बताया कि डीएसपी राजेश चेची से प्रेरित होकर वे समाज के लिए काम कर रहे हैं। राजेश चेची ने भी दहेज प्रथा के खिलाफ इस पहल को महत्वपूर्ण बताया और लोगों से अपील की कि वे इस कुप्रथा को खत्म करने में अपना योगदान दें।

यह शादी न केवल सादगी और संदेश का उदाहरण है, बल्कि समाज में दहेज के खिलाफ जागरूकता फैलाने का एक बड़ा कदम भी है।

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