जालना की शुद्ध देसी घी जलेबी: 75 साल पुरानी परंपरा का स्वाद

जालना की शुद्ध देसी घी जलेबी: 75 साल पुरानी परंपरा का स्वाद

शुद्ध देसी घी से बनी जलेबी: जालना के शर्मा परिवार की 75 साल पुरानी परंपरा

10 दिसंबर 2024 , नई दिल्ली

जलेबी, भारतीय मिठाई की एक खास पहचान है, जो अक्सर खास अवसरों पर ही नहीं, बल्कि बिना किसी कारण के भी चट कर ली जाती है। भारत के विभिन्न हिस्सों में जलेबी की कई किस्में मिलती हैं, लेकिन जालना शहर का नाम इस मिठाई से जुड़ी एक खास परंपरा के लिए जाना जाता है। यह परंपरा 75 साल पुरानी है, और इसे कायम रखा है शर्मा परिवार ने। जालना के शर्मा परिवार की जलेबी की खासियत यह है कि इसे शुद्ध देसी घी में बनाया जाता है, जो न केवल स्वाद में बेमिसाल है, बल्कि इसे खाने वाले हर किसी का दिल भी छू लेता है।

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75 साल पुरानी परंपरा और स्वाद का खजाना


महेश शर्मा, जो इस जलेबी के बिजनेस की तीसरी पीढ़ी से हैं, कहते हैं कि उनके दादा ने इस बिजनेस की शुरुआत की थी। आज उनकी दुकान “रेणुका जलेबी” जालना के मुख्य बाजार में एक प्रसिद्ध नाम बन चुकी है। इसके अलावा, “गायत्री” नाम से उनका एक स्टॉल छत्रपति शिवाजी प्रतिमा क्षेत्र में भी लगता है। इस परिवार ने जलेबी बनाने की एक परंपरा बनाई है, जो अब तक तीन पीढ़ियों तक चली आ रही है और अब इस स्वाद को हैदराबाद जैसे शहरों तक भी भेजा जा रहा है।

जालना की शुद्ध देसी घी जलेबी: 75 साल पुरानी परंपरा का स्वाद

शुद्ध देसी घी की जलेबी


महेश शर्मा के अनुसार, वह सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक केवल 6 घंटे के लिए जलेबी बेचते हैं। उनकी जलेबी की खासियत इसका कुरकुरापन, छोटा आकार और शुद्ध देसी घी में बनी इसकी अनोखी मिठास है। 440 रुपये प्रति किलो के हिसाब से जलेबी बिकती है, और खास बात यह है कि हर प्लेट की कीमत सिर्फ 20 रुपये होती है, जो स्थानीय लोगों के लिए एक बेहतरीन डील है। वह दिन में 10 किलो जलेबी बेचते हैं, जिसमें से 4-5 किलो दुकान से और बाकी पार्सल के जरिए भेजे जाते हैं।

जलेबी की बढ़ती डिमांड


महेश शर्मा ने बताया कि वह अपनी जलेबी को सिर्फ जालना तक सीमित नहीं रखते। वह अपनी जलेबी के पार्सल छत्रपति संभाजीनगर, जलगांव, मनमाड और धुले जैसे शहरों में भेजते हैं। उनका बिजनेस दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है, और इसका प्रमुख कारण है उनकी जलेबी का बेहतरीन स्वाद और शुद्ध देसी घी का उपयोग। महेश शर्मा इस 6 घंटे के बिजनेस से हर दिन 1000 से 1200 रुपये का शुद्ध मुनाफा कमाते हैं। महीने का मुनाफा 30 से 35 हजार रुपये तक पहुंच जाता है, जिससे उन्हें न सिर्फ आर्थिक लाभ मिलता है, बल्कि जालना शहर के लोगों के साथ उनका रिश्ता भी मजबूत हो रहा है।

इस तरह, जालना के शर्मा परिवार ने अपनी 75 साल पुरानी परंपरा को जीवित रखते हुए शुद्ध देसी घी से बनी जलेबी के साथ एक नई मिसाल कायम की है।

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