कांग्रेस ने खेला नया दाव, केजरीवाल के खिलाफ शीला दीक्षित के बेटे को चुनाव मैदान में उतारा

कांग्रेस ने खेला नया दाव, केजरीवाल के खिलाफ शीला दीक्षित के बेटे को चुनाव मैदान में उतारा

कांग्रेस की 21 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की

13 दिसंबर 2024, नई दिल्ली

नई दिल्ली सीट पर कांग्रेस ने पूर्व सांसद संदीप दीक्षित को अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मैदान में उतारा है। इस सीट पर उनकी मां शीला दीक्षित तीन बार विधायक रह चुकी हैं। केजरीवाल ने 2013 में शीला दीक्षित को हराकर राजनीति में कदम रखा था। संदीप दीक्षित का मैदान में उतरना इस सीट को रोचक बनाता है। अगर केजरीवाल यहां से चुनाव लड़ते हैं, तो यह मुकाबला आर-पार का हो सकता है।

पहली सूची: 3 मुस्लिम, 2 महिलाएं


कांग्रेस ने अपनी पहली सूची में जातीय और सामाजिक समीकरण को साधते हुए 3 मुस्लिम और 2 महिलाओं को टिकट दिया है। उम्मीदवारों की सूची में ब्राह्मण, दलित, मुस्लिम, सिख, पंजाबी और ओबीसी समुदायों के प्रतिनिधित्व को प्राथमिकता दी गई है। आधे से ज्यादा उम्मीदवार ऐसे हैं, जो या तो पूर्व विधायक रह चुके हैं या राजनीतिक अनुभव रखते हैं।

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कांग्रेस ने खेला नया दाव, केजरीवाल के खिलाफ शीला दीक्षित के बेटे को चुनाव मैदान में उतारा

अनुभवी चेहरों पर भरोसा


कांग्रेस ने अपने अनुभवी नेताओं को मैदान में उतारकर एक मजबूत दांव चला है। प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र यादव बादली से, चौधरी अनिल कुमार पटपड़गंज से और हारून यूसुफ बल्लीमारान से चुनाव लड़ेंगे। जय किशन को सुल्तानपुर माजरा से टिकट दिया गया है। इन सभी नेताओं का अपना एक अलग जनाधार और राजनीतिक अनुभव है।

दिग्गज नेताओं के बेटे मैदान में


कांग्रेस ने चांदनी चौक से मुदित अग्रवाल को प्रत्याशी बनाया है, जो पूर्व सांसद जेपी अग्रवाल के बेटे हैं। इसी तरह मुस्तफाबाद सीट से अहमद हसन के बेटे अली मेंहदी को उतारा गया है। इन सीटों पर मुकाबला दिलचस्प होगा, क्योंकि आम आदमी पार्टी और अन्य दलों ने भी मजबूत उम्मीदवार उतारे हैं।

रागिनी नायक समेत युवा चेहरों को मौका


वजीरपुर सीट से रागिनी नायक को प्रत्याशी बनाया गया है। वह कांग्रेस की तेजतर्रार प्रवक्ता और दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्रसंघ अध्यक्ष रह चुकी हैं। रागिनी के जरिए कांग्रेस ने मुस्लिम, गुर्जर और ब्राह्मण समीकरण साधने की कोशिश की है।

जातीय समीकरण और सामाजिक इंजीनियरिंग


कांग्रेस ने जातीय और सामाजिक समीकरण का खास ख्याल रखते हुए 5 ब्राह्मण, 3 वैश्य, 2 जाट, 2 गुर्जर, 2 दलित और एक-एक सिख, कायस्थ और जैन समुदाय से उम्मीदवार उतारे हैं। मुस्लिम बहुल इलाकों में पार्टी ने तीन मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया है।

मुकाबला त्रिकोणीय बनने के आसार


कांग्रेस के इन दांवों से दिल्ली में कई सीटों पर मुकाबला त्रिकोणीय हो सकता है। खासकर नई दिल्ली, चांदनी चौक, वजीरपुर और बादली जैसी सीटों पर सियासी समीकरण बदलने की संभावना है। पार्टी ने ओखला और मटियामहल जैसी सीटों पर अभी पत्ते नहीं खोले हैं, जिससे सस्पेंस बना हुआ है।कांग्रेस ने इस बार अनुभवी और युवा नेताओं का संतुलन बनाते हुए चुनावी जंग में अपनी तैयारियों को मजबूत किया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि दिल्ली में यह रणनीति कितना असर दिखा पाती है।

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