प्रसिद्ध राजनीतिक नेता और धर्म प्रचारक डॉ. के ए पॉल ने तेलुगु सुपरस्टार अल्लू अर्जुन की गिरफ्तारी पर कड़ा विरोध जताया है। उन्होंने इसे न्याय के नाम पर दोहरे मापदंड का उदाहरण बताया और कानून के चयनात्मक उपयोग पर गंभीर सवाल उठाए।
डॉ. पॉल ने कहा, “जब ताकतवर राजनेताओं की रैलियों के दौरान अनेक मौतें होती हैं, तब कोई कार्रवाई नहीं होती। फिर चाहे वो चंद्रबाबू नायडू की रैली हो, जिसमें कांदाकुर में 8 और गुंटूर में 3 मौतें हुईं, या पुष्करालु महोत्सव में 23 जानें गईं—इन मामलों में किसी से कोई सवाल तक नहीं पूछा गया। लेकिन अल्लू अर्जुन जैसे अभिनेता को तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया। यह कानून का दुरुपयोग और असमानता का बड़ा उदाहरण है।”
संविधान के अनुच्छेद 14 और 19 का हवाला
डॉ. पॉल ने इसे संविधान के अनुच्छेद 14 (कानून के सामने समानता) का उल्लंघन करार दिया। उन्होंने कहा कि देश में हर नागरिक को समान न्याय मिलना चाहिए। “यदि अल्लू अर्जुन को तुरंत रिहा नहीं किया गया, तो मैं इस गिरफ्तारी के खिलाफ जनहित याचिका (PIL) दायर करूंगा,” उन्होंने ऐलान किया।
डॉ. पॉल ने अपने अनुच्छेद 19 (अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता) के अधिकार का उपयोग करते हुए कहा, “यह मेरा अधिकार है कि मैं गलत के खिलाफ अपनी आवाज उठाऊं। देश के हर नागरिक को, चाहे वह कोई भी हो, कानून के सामने समान अधिकार मिलना चाहिए।”
उन्होंने इस पूरे प्रकरण को न्याय प्रणाली पर एक बड़ा सवाल बताते हुए मांग की कि देश में न्याय का समान रूप से पालन हो और सत्ता का दुरुपयोग बंद किया जाए।
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