306 दिन का आंदोलन, 101 किसानों का जत्था… क्या सरकार झुकेगी?

306 दिन का आंदोलन, 101 किसानों का जत्था… क्या सरकार झुकेगी?

इंटरनेट बंद, सोशल मीडिया पर नजर… आंदोलन को दबाने की रणनीति

14 दिसंबर 2024, नई दिल्ली

किसान दिल्ली कूच को तैयार, इंटरनेट सेवाएं बंद
शंभू बॉर्डर पर किसान पिछले कई महीनों से अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। आज (शनिवार) एक बार फिर किसान दिल्ली कूच की तैयारी में हैं। प्रशासन ने किसानों के इस कदम से पहले ही शंभू बॉर्डर और आसपास के 12 गांवों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं।

101 किसानों का जत्था रवाना होगा


किसान नेताओं के अनुसार, आज दोपहर 12 बजे 101 किसानों का जत्था दिल्ली की ओर रवाना होगा। इससे पहले भी किसानों ने दो बार दिल्ली कूच की कोशिश की थी, लेकिन हर बार हरियाणा पुलिस ने उन्हें रोक दिया।

किसान नेता सरवन सिंह पढेर ने जानकारी दी कि यह आंदोलन 306 दिनों से जारी है और जगजीत सिंह डल्लेवाल के आमरण अनशन को भी 18 दिन हो चुके हैं। उन्होंने चिंता जताई कि डल्लेवाल की सेहत लगातार खराब हो रही है।

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सरकार पर डिजिटल इमरजेंसी का आरोप


शंभू बॉर्डर और आसपास के इलाकों में इंटरनेट बंद करने के कदम को लेकर किसान नेता सरवन सिंह पढेर ने कहा, “सरकार हम पर डिजिटल इमरजेंसी लगाने की तैयारी कर रही है। हमारे सोशल मीडिया पेजों पर कार्रवाई की जा रही है। हमारी आवाज को दबाने की कोशिश हो रही है।”

उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली कूच के दौरान हर बार हरियाणा पुलिस किसानों पर कार्रवाई करती है। “हमारे जत्थे पर हमले किए जाते हैं। इससे सरकार की सच्चाई जनता के सामने आ रही है। इसी डर से सरकार ऐसे कदम उठा रही है,” पढेर ने कहा।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत


किसान नेता ने सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी की सराहना की, जिसमें कोर्ट ने कहा कि सरकार को किसानों से सीधे बातचीत करनी चाहिए और बल प्रयोग नहीं करना चाहिए। पढेर ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट ने सही बात कही है। हम इस पर विचार-विमर्श करेंगे, लेकिन यह देखना होगा कि सरकार इस पर क्या कदम उठाती है।”

शांतिपूर्ण प्रदर्शन का अधिकार


शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में किसान आंदोलन को खत्म कराने की याचिका पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन करना किसानों का अधिकार है। कोर्ट ने कहा, “हम ऐसा कोई आदेश नहीं देंगे जिससे आंदोलन प्रभावित हो।”

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