प्रयागराज में 10 जनवरी से शुरू होगी प्रसाद सेवा, धर्म और सेवा का दिव्य संगम
17 दिसंबर 2024 , नई दिल्ली
अगले वर्ष 13 जनवरी से प्रयागराज में महाकुंभ का भव्य आयोजन होने जा रहा है। यह आयोजन न केवल आध्यात्मिक बल्कि सामाजिक सेवा और श्रद्धा का अप्रतिम संगम होगा। कहा जा रहा है कि इस महायज्ञ में प्रतिदिन 70 से 80 लाख श्रद्धालुओं के आगमन की संभावना है। इतनी विशाल संख्या के बावजूद कोई भी श्रद्धालु भूखा न रहे, इसके लिए कुंभ क्षेत्र में 200 से अधिक धार्मिक संस्थाएं नि:शुल्क भोजन की व्यवस्था करेंगी। यह आयोजन भारतीय संस्कृति और धर्म की सेवा भावना का सजीव प्रमाण बनेगा।
धर्म और सेवा का अनोखा संगम
अपर कुंभ मेला अधिकारी विवेक चतुर्वेदी ने बताया कि बड़ी संख्या में धार्मिक संगठन स्वेच्छा से लाखों श्रद्धालुओं को भोजन कराते हैं। इन संस्थाओं का यह सेवा कार्य उनकी भक्ति, करुणा और धर्म के प्रति समर्पण को दर्शाता है। गंगा के पवित्र तट पर स्नान के बाद, श्रद्धालुओं को भोजन के रूप में प्रसाद मिलेगा। सेवा आश्रम और अन्य सैकड़ों संगठनों ने इस पुनीत कार्य के लिए संकल्प लिया है।
अन्नदान: महादान का प्रतीक
कुंभ क्षेत्र के हर कोने में निशुल्क भोजन की व्यवस्था होगी। “अन्नपूर्णा नगर” नामक विशेष क्षेत्र इस प्रयास का प्रमुख हिस्सा है। यहां दिन-रात चलने वाले लंगरों के माध्यम से सभी श्रद्धालुओं को भोजन कराया जाएगा। महाकुंभ क्षेत्र में 782 खालसे दिन-रात लंगर संचालन में सबसे आगे रहते हैं। परमार्थ निकेतन आश्रम के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने बताया कि उनका शिविर अरैल घाट पर स्थापित होगा, जहां बड़े पैमाने पर अन्नक्षेत्र संचालित होगा।
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सेवाभाव की अद्भुत मिसाल
सेवा की शुरुआत 10 जनवरी से होगी, जब सबसे पहले नाव चलाने वालों और सफाई कर्मचारियों को भोजन दिया जाएगा। इसके बाद इसे आम भक्तों के लिए खोला जाएगा। स्वामी अनंत वीर्य दास, अक्षय पात्र फाउंडेशन के जनसंपर्क प्रमुख, ने बताया कि परेड ग्राउंड के पास विशाल मोबाइल रसोई की व्यवस्था की जाएगी, जहां 10,000 से अधिक तीर्थयात्रियों को पौष्टिक और स्वादिष्ट भोजन मिलेगा। इस सेवा के माध्यम से हर व्यक्ति को प्रेम और श्रद्धा से तैयार किया गया भोजन प्रदान किया जाएगा।
सरकार और धर्म का सहयोग
राज्य सरकार भी इस धार्मिक महोत्सव में सहयोगी भूमिका निभा रही है। मेला क्षेत्र के सभी सेक्टरों में 160 उचित मूल्य की दुकानें स्थापित की जाएंगी, जो कल्पवासियों और अन्य श्रद्धालुओं को राशन उपलब्ध कराएंगी। इसके लिए पांच गोदाम बनाए जाएंगे, ताकि स्टॉक की कमी न हो। यह राशन वितरण न केवल भक्तों की दैनिक आवश्यकताओं को पूरा करेगा, बल्कि उनके आत्मिक अनुभव को भी सहज बनाएगा।
महाकुंभ: धर्म, सेवा और भक्ति का महासमागम
महाकुंभ का यह आयोजन केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि समाज सेवा, सहयोग और मानवता की मिसाल बनेगा। गंगा के तट पर लगने वाले यह अन्नक्षेत्र न केवल श्रद्धालुओं का पेट भरेंगे, बल्कि उनके हृदय में भक्ति और संतोष का भाव भी उत्पन्न करेंगे। इस आयोजन के माध्यम से प्रयागराज एक बार फिर से धर्म, संस्कृति और सेवा का केंद्र बनेगा।
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