बीजेपी के वरिष्ठ नेता और विधायक सुधीर शर्मा ने प्रदेश के मुख्यमंत्री पर तीखा हमला करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश में जंगली मुर्गे के शिकार पर सख्त प्रतिबंध है। इसके बावजूद मुख्यमंत्री के भोजन के मेन्यू में जंगली मुर्गा शामिल होना बेहद आपत्तिजनक है।
हिमाचल प्रदेश के BJP मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के डिनर में जंगली मुर्गा परोसे जाने पर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। बीते दिनों मुख्यमंत्री चौपाल के टिक्कर गांव के दौरे पर थे, जहां उन्होंने एक स्थानीय व्यक्ति के घर रात का भोजन किया। इस दौरान उन्हें जंगली मुर्गी का मांस परोसा गया। इस डिनर का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। इस घटना पर बीजेपी ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को घेरना शुरू कर दिया है।
पूरे मामले पर सफाई देते हुए मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा, “यह स्थानीय ग्रामीणों का भोजन है, जिसे बीजेपी मुद्दा बना रही है और ग्रामीणों का अपमान कर रही है। मैं तेलयुक्त भोजन या नॉन-वेज नहीं खाता। यह बेवजह का विवाद है।”
उन्होंने आगे कहा, “ग्रामीणों ने मुझे देशी चिकन दिया, लेकिन मैंने उसे नहीं खाया। कुछ चैनल इस खबर को इस तरह दिखा रहे हैं जैसे मैं चिकन खा रहा हूं। पहाड़ों में नॉन-वेज खाना जीवन का हिस्सा है। जयराम ठाकुर इस मामले में अनावश्यक बयानबाजी कर रहे हैं।”
जंगली मुर्गा परोसने पर विवाद क्यों?
हिमाचल प्रदेश में जंगली मुर्गी के शिकार और सेवन पर पूरी तरह से प्रतिबंध है। इसके बावजूद मुख्यमंत्री के डिनर में जंगली मुर्गा परोसे जाने से हंगामा हो गया। बीजेपी ने इस मामले को लेकर कड़ी आपत्ति जताई है और कार्रवाई की मांग की है। वायरल वीडियो में मुख्यमंत्री के साथ स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल और अन्य अधिकारी भी मौजूद दिख रहे हैं।
बीजेपी का हमला
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और विधायक सुधीर शर्मा ने मुख्यमंत्री पर तीखा निशाना साधते हुए कहा, “हिमाचल प्रदेश में जंगली मुर्गी के शिकार पर पूर्ण प्रतिबंध है। लेकिन मुख्यमंत्री के डिनर में जंगली मुर्गा परोसा गया, जो पूरी तरह से गलत और निंदनीय है। प्रदेश के लोग वन्य जीवों और पक्षियों की सुरक्षा को लेकर जागरूक हैं, लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि खुद मुख्यमंत्री इस तरह के कृत्य को बढ़ावा दे रहे हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि हिमाचल में जंगली मुर्गे की सभी प्रजातियां वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन एक्ट, 1972 और 2022 के संशोधन के तहत संरक्षित श्रेणी में आती हैं। ऐसे में यह घटना राज्य के कानून और वन्यजीव संरक्षण नियमों का उल्लंघन है।
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