गेटवे ऑफ इंडिया नाव हादसा: 13 की मौत, लापरवाही बनी बड़ी वजह

गेटवे ऑफ इंडिया नाव हादसा: 13 की मौत, लापरवाही बनी बड़ी वजह

नेवी बोट के स्टंट से टकराई यात्री नाव, प्रशासन पर उठे गंभीर सवाल

19 दिसंबर 2024 , नई दिल्ली

गेटवे ऑफ इंडिया के पास नाव हादसा: लापरवाही से 13 लोगों की मौत, 100 से अधिक बचाए गए
बुधवार शाम को मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया के पास हुए नाव हादसे में 13 लोगों की जान चली गई, जबकि 100 से अधिक यात्रियों को बचा लिया गया। यह हादसा नीलकमल नामक एक बड़ी नाव और नेवी की तेज रफ्तार बोट के बीच टक्कर के कारण हुआ। हादसे ने सुरक्षा प्रबंधन और लापरवाही को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। शुरुआती जांच में हादसे के चार प्रमुख कारण सामने आए हैं।

गेटवे ऑफ इंडिया नाव हादसा: 13 की मौत, लापरवाही बनी बड़ी वजह
  1. नाव में क्षमता से अधिक यात्री
    हादसे के वक्त नीलकमल नाव पर 120 से अधिक यात्री सवार थे, जबकि इसकी अधिकतम क्षमता केवल 80 लोगों की थी। यह स्पष्ट रूप से प्रशासन की अनदेखी को दर्शाता है, क्योंकि क्षमता से अधिक यात्री बैठाने की अनुमति देना सुरक्षा नियमों का सीधा उल्लंघन है। स्थानीय लोग और पीड़ित परिवार इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
  2. गलत स्थान पर नेवी बोट की टेस्टिंग
    नेवी ने हादसे के बाद बताया कि उनकी स्पीड बोट का इंजन परीक्षण चल रहा था। यह परीक्षण ऐसे स्थान पर किया गया, जहां यात्रियों से भरी नावें नियमित रूप से आती-जाती हैं। सवाल यह उठता है कि ऐसी व्यस्त जलमार्ग पर टेस्टिंग की अनुमति क्यों दी गई? सुरक्षित और अलग स्थान पर परीक्षण किया जा सकता था ताकि इस तरह की दुर्घटना से बचा जा सके।

    यह भी पढ़े: बिहार में दो अमेरिकी नागरिक गिरफ्तार, कैलिफोर्निया के निवासी, नेपाल जाने की कोशिश में पकड़े गए
  3. सेफ्टी उपकरणों की कमी
    नीलकमल नाव पर सुरक्षा उपकरणों की भारी कमी थी। यात्रियों के पास लाइफ जैकेट जैसे आवश्यक उपकरण नहीं थे। हादसे के बाद नाव में एक बड़ा छेद हो गया, जिससे यह तेजी से डूबने लगी। यदि नाव में पर्याप्त सेफ्टी गैजेट्स होते, तो कई लोगों की जान बचाई जा सकती थी।
  4. नेवी बोट चालकों का लापरवाह व्यवहार
    प्रत्यक्षदर्शियों ने दावा किया कि नेवी बोट के चालक तेज रफ्तार से नाव चला रहे थे और खतरनाक स्टंट कर रहे थे। उनकी स्पीड करीब 100 किलोमीटर प्रति घंटा बताई जा रही है। स्टंट करते समय नाव का नियंत्रण खो गया, जिससे यह नीलकमल नाव से टकरा गई। यह लापरवाही इस दर्दनाक हादसे की मुख्य वजह बनी।

पीड़ित परिवारों की मांग


इस हादसे के बाद पीड़ित परिवार न्याय की मांग कर रहे हैं। उनकी अपील है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। प्रशासन को अब सुरक्षा मानकों को सख्ती से लागू करने और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकता है।

यह हादसा हमें याद दिलाता है कि थोड़ी-सी लापरवाही कितनी बड़ी त्रासदी का रूप ले सकती है। अब सवाल यह है कि क्या यह घटना प्रशासन और नेवी के लिए चेतावनी का काम करेगी या इसे भी सिर्फ एक और हादसा मानकर भुला दिया जाएगा?
यह भी पढ़े: विकसित भारत सम्मेलन 2024: सशक्त और समृद्ध भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम

देश