नई दिल्ली, 19 दिसंबर 2024:
दिल्ली के श्री सत्य साई ऑडिटोरियम, लोधी रोड में बुधवार शाम चावरा सांस्कृतिक केंद्र द्वारा चावरा लेक्चर सीरीज का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम संत चावरा कुरियाकोस एलियास की याद में आयोजित किया गया था, जिसमें सांसद डॉ. शशि थरूर समेत सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक जगत की कई प्रमुख हस्तियों ने शिरकत की।
इस वर्ष की लेक्चर सीरीज का विषय ‘शिक्षा: सामाजिक परिवर्तन के लिए उत्प्रेरक—संत कुरियाकोस एलियास चावरा, सतत विकास का एक मॉडल’ था।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ. शशि थरूर ने कहा कि संत चावरा कुरियाकोस एलियास, जिन्होंने वंचितों और हाशिए पर खड़े लोगों के उत्थान और शिक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित किया, भारत में सामाजिक कार्यकर्ताओं और जनसेवकों के लिए एक प्रेरणास्त्रोत हैं।
उन्होंने कहा कि समाज के गरीब और पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए शिक्षा सबसे महत्वपूर्ण साधन है। इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए संत चावरा ने चर्च परिसरों में ‘पल्लीकूडम’ (स्कूल) स्थापित किए, भारत में पहली बार शिक्षकों को वेतन पर नियुक्त किया और बच्चों को मुफ्त मध्याह्न भोजन (मिड–डे मील) देने की परंपरा शुरू की।
डॉ. थरूर ने संत चावरा की प्रगतिशील और समावेशी दृष्टि की सराहना करते हुए कहा, “संत चावरा ने स्वतंत्रता से भी 100 वर्ष पूर्व, ऐसे सामाजिक सुधारों की शुरुआत की जो उस समय की कल्पना से परे थे। उनका दृष्टिकोण आज भी उतना ही प्रासंगिक और प्रेरणादायक है।”
कार्यक्रम के दौरान, दिल्ली चावरा सांस्कृतिक केंद्र के निदेशक फादर डॉ. रॉबी कन्ननजिरा सीएमआई, दिल्ली आर्चडायसिस के सहायक बिशप दीपक वलेरियन टॉरो, और दीपिका अखबार के सहयोगी संपादक जॉर्ज कल्लीवायलिल ने भी सभा को संबोधित किया।
इस अवसर पर कई प्रमुख हस्तियां उपस्थित थीं, जिनमें सांसद कोडिकुन्नील सुरेश, एन.के. प्रेमचंद्रन, बेनी बेहनन, एंटो एंटनी, के. राधाकृष्णन, फ्रांसिस जॉर्ज, जोस के. मणि, डीन कुरियाकोस, और हिबी ईडन, साथ ही केरल सरकार के दिल्ली प्रतिनिधि के.वी. थॉमस और सीबीसीआई के उप महासचिव फादर मैथ्यू कोयिक्कल शामिल थे।
संत चावरा की शिक्षाएं और उनका योगदान आज भी समाज सुधार और सतत विकास के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।