हिमाचल प्रदेश की समृद्ध संस्कृति और कारीगरी की झलक दिल्ली हाट में शुरू हुए हिम महोत्सव में देखने को मिल रही है। हिमाचल प्रदेश के राजस्व, बागवानी और जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने गुरुवार को इस महोत्सव का उद्घाटन किया। यह आयोजन हिमाचल प्रदेश सरकार और एमएसएमई मंत्रालय के सहयोग से किया जा रहा है और 1 जनवरी से 15 जनवरी तक चलेगा।
हिमाचल की कला और स्वाद एक ही जगह
महोत्सव में 60 स्टॉल लगाए गए हैं, जहां हिमाचल के कुशल कारीगरों द्वारा तैयार किए गए हथकरघा और हस्तशिल्प उत्पाद प्रदर्शित किए जा रहे हैं। इसके साथ ही, पारंपरिक कांगड़ी धाम और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दर्शकों को हिमाचल की खूबसूरती का अहसास करा रही हैं।
इस मौके पर मंत्री नेगी ने कहा, “ऐसे आयोजनों से हमारी संस्कृति को नई पहचान मिलती है। हिमाचल के हस्तशिल्प और हथकरघा उत्पाद अब वैश्विक स्तर पर सराहे जा रहे हैं। दिल्ली-एनसीआर के लोग यहां आकर हिमाचल की कला और संस्कृति का आनंद ले सकते हैं।”
कारीगरों का हुआ सम्मान
महोत्सव के दौरान, हिमाचल प्रदेश राज्य हथकरघा एवं हस्तशिल्प निगम द्वारा कई कारीगरों को उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया:
- पारंपरिक शिल्प संरक्षण पुरस्कार: ओ.पी. मल्होत्रा, रितु धीमान, पूनम और बलवीर (काष्ठशिल्प)।
- नवाचार हस्तशिल्प पुरस्कार: इंदिरा देवी (कुल्लवी शॉल) और ईशा (पारंपरिक आभूषण)।
- युवा कारीगर पुरस्कार: वीर सिंह (धातु शिल्प), अजय शर्मा और जगदीश (हस्तशिल्प)।
- समुदाय प्रभाव पुरस्कार: अंशुल मल्होत्रा और राजन मिन्हास।
दिल्लीवासियों ने की हिमाचल की सराहना
दिल्ली की रहने वाली ट्यूलिप ने महोत्सव में आकर अपनी खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा, “हिमाचली कारीगरी और लोक कला बेहद सुंदर है, लेकिन कांगड़ी धाम का स्वाद सबसे अनोखा रहा। यह हिमाचल की मेहमाननवाजी का असली एहसास कराता है।”
पहली बार हिमाचली संस्कृति से रूबरू हुईं ट्विशा ने कहा, “कांगड़ी धाम और सिडू का अनुभव अद्भुत था। हिमाचल की परंपराएं और स्वाद इतने अनोखे हैं कि हर किसी को इन्हें एक बार जरूर आजमाना चाहिए।”
नोएडा में रहने वाले हिमाचली दंपति दीक्षा और सुरंजन सिंह ने इस महोत्सव को अपने लिए खास बताया। उन्होंने कहा, “यहां आकर हम अपनी जड़ों से जुड़ पाते हैं। लोक नृत्य और हिमाचली व्यंजनों ने हमें घर जैसा अहसास कराया।”
मंत्री नेगी ने हिमाचल प्रदेश को देश के पसंदीदा पर्यटन स्थलों में से एक बताते हुए लोगों को वहां घूमने का न्योता दिया। उन्होंने कहा, “बर्फ से ढके पहाड़, हरे-भरे घास के मैदान, शांत झीलें और रोमांचक जल क्रीड़ाएं—हिमाचल हर किसी के लिए खास अनुभव लेकर आता है।”
ये भी पढ़ें: पत्रकारों पर बढ़ते हमलों को लेकर राष्ट्रीय पत्रकार संघ की बैठक
अतिरिक्त मुख्य सचिव (उद्योग) आर.डी. नजीम ने बताया कि यह हिम महोत्सव का दूसरा संस्करण है। “पिछले साल इस महोत्सव को शानदार प्रतिक्रिया मिली थी। इस बार हम हिमाचल की शिल्प, व्यंजन और संस्कृति को और भी बड़े स्तर पर प्रदर्शित करने का प्रयास कर रहे हैं,” उन्होंने कहा।
कार्यक्रम का समापन हिमाचली कलाकारों की रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ हुआ। हिमाचल प्रदेश राज्य हथकरघा एवं हस्तशिल्प निगम की प्रबंध निदेशक गंधर्व राठौर ने धन्यवाद प्रस्ताव पेश करते हुए महोत्सव की सफलता की कामना की।
महोत्सव में मंत्री जगत सिंह नेगी की धर्मपत्नी सुशीला नेगी, मुख्य निर्वाचन अधिकारी नंदिता गुप्ता, आवासीय आयुक्त मीरा मोहंती, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।