ईपीएफओ पेंशनरों ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की, पेंशन से जुड़ी मांगों पर चर्चा की

ईपीएफओ पेंशनरों ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की, पेंशन से जुड़ी मांगों पर चर्चा की

नई दिल्ली, ईपीएस-95 पेंशनरों के एक प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को दिल्ली में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की। ईपीएफओ पेंशनरों ने न्यूनतम पेंशन ₹7,500 प्रति माह के साथ महंगाई भत्ता (डीए) की अपनी लंबित मांगों पर चर्चा की। वित्त मंत्री ने पेंशनरों को आश्वासन दिया कि उनकी मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार किया जाएगा।

दिल्ली प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस वार्ता में ईपीएस-95 नेशनल आंदोलन समिति के अध्यक्ष कमांडर अशोक राउत ने बताया कि केंद्रीय और राज्य सरकार पीएसयू, निजी संगठनों और देशभर के कारखानों के 78 लाख से अधिक पेंशनभोगी लंबे समय से न्यूनतम पेंशन बढ़ाने, डीए जोड़ने और मुफ्त चिकित्सा सुविधाओं की मांग कर रहे हैं।

कमांडर राउत ने कहा, “वित्त मंत्री ने हमारी समस्याओं को समझने का भरोसा दिया है। अब सरकार को आगामी बजट में न्यूनतम पेंशन ₹7,500 और डीए की घोषणा करनी चाहिए।”

उन्होंने श्रमिक संगठनों द्वारा ₹5,000 न्यूनतम पेंशन की मांग को अपर्याप्त बताते हुए कहा कि ₹7,500 ही सम्मानजनक जीवन के लिए आवश्यक है।

ईपीएफओ

प्रमुख मांगें:

  • केंद्रीय सरकार का पेंशन योगदान 1.16% से बढ़ाकर 8.33% करना।
  • ईपीएफओ की ब्याज आय को पेंशन बढ़ाने में उपयोग करना।
  • नियोक्ता के योगदान को 8.33% से बढ़ाकर 12% करना।
  • सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार उच्च पेंशन की विसंगतियां दूर करना।

2014 में ₹1,000 न्यूनतम पेंशन की घोषणा के बावजूद, 36.60 लाख पेंशनभोगी अभी भी इससे कम पेंशन पा रहे हैं। प्रतिनिधिमंडल ने वित्त मंत्री से इस असमानता को समाप्त करने की अपील की।

प्रेस वार्ता में महासचिव वीरेंद्र सिंह राजावत, मुख्य समन्वयक रमाकांत नारगुंड, सलाहकार डॉ. पी.एन. पाटिल और सचिव रमेश बहुगुणा ने भी अपनी राय व्यक्त की।

कमांडर राउत ने कहा, “वित्त मंत्री का आश्वासन सकारात्मक है, लेकिन हमें इस बजट में ठोस कदम उठाए जाने की उम्मीद है। वरिष्ठ नागरिकों को सम्मानजनक जीवन का अधिकार है, और यह सरकार की जिम्मेदारी है।”

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