गंभीर आपत्तियां दर्ज कराते हुए भाजपा महामंत्री को भेजा पत्र
भाजपा के महामंत्री अरुण सिंह को दिल्ली छावनी विधानसभा के भाजपा कार्यकर्ताओं ने एक गंभीर पत्र भेजा है, जिसमें दिल्ली छावनी विधानसभा क्षेत्र से पूर्व प्रत्याशी मनीष सिंह के खिलाफ आपत्तियां दर्ज कराते हुए उन्हें इस बार भाजपा प्रत्याशी न बनाने के तहत टिकट न देने की मांग की गई है। 15 दिसंबर 2024 को भेजे गए इस पत्र में भाजपा कार्यकर्ताओं ने इस क्षेत्र से मनीष सिंह को भाजपा प्रत्याशी बनाने पर कड़ा विरोध जताया है। पत्र में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि मनीष सिंह पर कई गंभीर आरोप लगे हुए हैं, जिनमें बलात्कार, महिलाओं के साथ उत्पीड़न, भ्रष्टाचार और एससी/एसटी अत्याचार अधिनियम के तहत दर्ज मामले शामिल हैं।
पत्र में बताया गया है कि मनीष सिंह के खिलाफ दिल्ली और गुड़गांव के विभिन्न थानों में बलात्कार और महिलाओं के उत्पीड़न के मामले दर्ज हैं। एफआईआर नंबर 205/11 (थाना डीएलएफ, गुड़गांव) और एफआईआर नंबर 112/2024 (थाना दिल्ली कैंट) के तहत उनके खिलाफ जांच चल रही है। पत्र के साथ एफआईआर रिपोर्ट भी सलंग्न करके भेजी गई है। महामंत्री को भेजे गए पत्र में कार्यकर्ताओं ने कहा है कि मनजीत सिंह को पहले दिल्ली कैंट बोर्ड का सदस्य भी नियुक्त किया गया था। इस दौरान उन पर भ्रष्ट आचरण और घूसखोरी के भी गंभीर आरोप लगे थे और समय से पहले ही उन्हें पद से हटा दिया गया था।
सदर कैंट की महिला मोर्चा अध्यक्ष प्रतिभा जसवाल का कहना है कि मनीष सिंह ने उनके साथ भी 40 लाख रुपए की धोखाधड़ी की है, जिसके तहत उन्होंने न्यायालय में भी मुकदमा दर्ज कराया है और भाजपा के वरिष्ठ अधिकारियों से भी शिकायत की है। वहीं झेड़ा गांव के दलित समाज के हरीश ने भी अपनी दुकान पर कब्जा करने को लेकर एसटी/एससी आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि उनके द्वारा दी गई शिकायत के बाद ही मनीष सिंह पर चल रहे केसों के बारे में खुलासा हुआ।
पार्टी की छवि पर प्रभाव
भाजपा कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि यदि मनीष सिंह को पार्टी का उम्मीदवार बनाया जाता है, तो यह न केवल चुनावी हार का कारण बनेगा, बल्कि भाजपा की छवि और सिद्धांतों को भी नुकसान पहुँचाएगा। कार्यकर्ताओं का कहना है कि मनीष सिंह का चरित्र और व्यवहार पार्टी के उच्चतम मानकों से मेल नहीं खाता और इससे दलित समुदाय में भी नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
भाजपा नेतृत्व से अपील
इस पत्र पर दिल्ली छावनी विधानसभा के प्रमुख भाजपा कार्यकर्ताओं के हस्ताक्षर हैं, जिनमें विकास शर्मा, अशोक प्रधान, गोपाल सिंह, रश्मि मिश्रा, मोहन शर्मा और गौतम बैनीवाल जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं। पत्र के माध्यम से भाजपा नेतृत्व से अपील की गई है कि वे इस विषय पर गंभीरता से विचार करें और दिल्ली छावनी विधानसभा क्षेत्र से किसी स्वच्छ छवि वाले प्रत्याशी को टिकट दें। भाजपा कार्यकर्ताओं ने कहा है कि पार्टी की छवि को बनाए रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है और ऐसे व्यक्तियों को बढ़ावा देने से पार्टी की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिह्न लग सकते हैं। भाजपा कार्यकर्ताओं ने अरुण सिंह से अपील की है कि किसी भी परिस्थिति में मनीष सिंह को दिल्ली छावनी विधानसभा से भाजपा का प्रत्याशी न बनाया जाए। इस मामले पर शीघ्र विचार करने की मांग भी की गई है ताकि पार्टी की सर्वोत्तम भलाई सुनिश्चित की जा सके।
पार्टी की रणनीति
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में भाजपा ने अब तक 59 उम्मीदवारों की घोषणा की है, लेकिन मनीष सिंह की स्थिति को लेकर पार्टी में असमंजस बना हुआ है। सूत्रों के अनुसार, भाजपा इस सीट पर अपने उम्मीदवार का ऐलान करने से बच रही है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि पार्टी इस विवाद को लेकर गंभीरता से विचार कर रही है।