भारत की क्रिप्टो नीति में ठहराव, विदेशी प्लेटफार्मों की ओर बढ़ रहे भारतीय निवेशकों के कदम

भारत की क्रिप्टो नीति में ठहराव, विदेशी प्लेटफार्मों की ओर बढ़ रहे भारतीय निवेशकों के कदम

जहां दुनिया के अन्य देश क्रिप्टोकरेंसी के लिए स्पष्ट नियम बना रहे हैं, वहीं भारत अभी भी बहसों और अनिश्चितताओं के जाल में फंसा हुआ है। सरकार ने वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (VDAs) को मनी लॉन्ड्रिंग के तहत लाने और क्रिप्टो ट्रांजेक्शंस पर टैक्स लगाने जैसे कदम उठाए हैं, लेकिन इन प्रयासों में कोई ठोस दिशा नहीं है। नतीजा यह है कि भारतीय निवेशक असमंजस में हैं और जब बाकी दुनिया डिजिटल वित्त को अपनाती जा रही है, भारत पीछे रह सकता है।

यूरोपीय संघ ने अपने मार्केट्स इन क्रिप्टो-एसेट्स (MiCA) नियमों के साथ साफ़ दिशा तय की है, जो पारदर्शिता और नवाचार को बढ़ावा देते हैं। अमेरिका ने भी क्रिप्टोकरेंसी के लिए एक स्पष्ट ढांचा पेश किया है, और उसके पास 20 बिलियन डॉलर से भी अधिक मूल्य के 198,109 बिटकॉइन हैं। यह दर्शाता है कि दुनिया के अन्य देश कैसे डिजिटल एसेट्स को अपने वित्तीय सिस्टम में समाहित कर रहे हैं।

भारत ने भले ही G20 दिल्ली घोषणा में क्रिप्टो नियमों की ज़रूरत मानी हो, लेकिन अब तक इस पर कोई गंभीर कदम नहीं उठाया गया है। इस देरी ने निवेशकों का विश्वास कम किया है और ब्लॉकचेन क्षेत्र में भारत का विकास रुक सा गया है।

हालांकि, भारतीय क्रिप्टो ट्रेडर्स बिना स्पष्ट नियमों के भी सक्रिय हैं। हाल ही में, मीम टोकन और बिटकॉइन की बढ़ती कीमतों ने भारतीय एक्सचेंजों पर हलचल मचाई, लेकिन उच्च करों और असंगत नियमों के कारण कई ट्रेडर्स विदेशी प्लेटफार्मों की ओर रुख कर रहे हैं।

भारत ने VDAs पर टैक्स और वर्चुअल एसेट सर्विस प्रोवाइडर्स (VASPs) को PMLA अनुपालन में लाया है, लेकिन फिर भी ऊंचे टैक्स, घाटे पर अस्पष्ट नियम और डिजिटल एसेट्स के वर्गीकरण की कमी निवेशकों को परेशान कर रही है।

डिजिटल इंडिया एक्ट से कुछ उम्मीदें थीं, लेकिन इसकी प्रगति धीमी रही है। भारत को क्रिप्टोकरेंसी के लिए एक साफ और समर्पित कानून की ज़रूरत है, ताकि पारदर्शिता, निवेशकों की सुरक्षा और ब्लॉकचेन नवाचार को बढ़ावा मिल सके।

अगर भारत ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर ठोस कदम नहीं उठाए, तो वो डिजिटल वित्त और ब्लॉकचेन में वैश्विक नेतृत्व का मौका खो सकता है। जबकि बाकी दुनिया आगे बढ़ रही है, भारत को अब जल्द निर्णय लेना होगा।

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