Ideal Artificial Limbs Solution ने 25 जनवरी 2025 को गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में एक भव्य समारोह का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारत की स्वतंत्रता और समावेशिता की भावना का सम्मान करना था। “सशक्त जीवन, समृद्ध राष्ट्र” थीम के साथ, यह आयोजन विशेष रूप से दिव्यांगजन की गतिशीलता और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए समर्पित रहा।
इस अवसर पर ध्वजारोहण, प्रेरणादायक कहानियाँ, निःशुल्क कृत्रिम अंग जाँच शिविर और सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ आयोजित की गईं। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य कृत्रिम अंग प्राप्त करने वाले व्यक्तियों को आत्मसम्मान और आत्मनिर्भरता के साथ जीवन जीने के लिए प्रेरित करना था।
संस्थापक का दृष्टिकोण
Ideal Artificial Limbs Solution के संस्थापक डॉ. अगेंद्र कुमार ने कहा, “हमारा लक्ष्य केवल कृत्रिम अंग प्रदान करना नहीं है, बल्कि आत्मविश्वास, सम्मान और आशा लौटाना है। हर व्यक्ति को आत्मनिर्भर जीवन जीने का अधिकार है, और हम इसे साकार करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस गणतंत्र दिवस पर, हम एक समावेशी और सशक्त भारत के निर्माण के अपने संकल्प को दोहराते हैं।”
आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते कदम
इस कार्यक्रम में वे कहानियाँ प्रमुख रहीं जिन्होंने दिखाया कि कृत्रिम अंग प्राप्त करने के बाद लोगों ने कैसे अपनी गतिशीलता और आत्मविश्वास को फिर से हासिल किया।
फरीदाबाद के संजय, जिन्होंने ऊपर के हिस्से से हाथ गंवा दिया था, को मायोइलेक्ट्रिक कृत्रिम हाथ प्रदान किया गया। यह अत्याधुनिक उपकरण मांसपेशियों के संकेतों पर काम करता है। अपनी खुशी साझा करते हुए संजय ने कहा, “यह कृत्रिम अंग मेरी ज़िंदगी बदल चुका है। अब मैं पहले की तरह काम कर सकता हूँ और आत्मनिर्भर महसूस कर रहा हूँ।”

दिल्ली के मोहम्मद मुकीम खुरैशी, जो घुटने के नीचे के हिस्से से पैर गंवा चुके थे, को सिलिकॉन लाइनर लॉक मॉड्यूलर कृत्रिम पैर प्रदान किया गया। उन्होंने बताया, “इस कृत्रिम पैर ने मुझे आत्मविश्वास के साथ चलने का नया अवसर दिया है। अब मैं बिना किसी बाधा के अपने सभी कार्य कर सकता हूँ।”
समावेशी भारत की ओर
इस गणतंत्र दिवस समारोह ने यह संदेश दिया कि दिव्यांगजन को मुख्यधारा में शामिल करना समाज की जिम्मेदारी है। Ideal Artificial Limbs Solution ने इस दिशा में एक प्रेरणादायक पहल की है।
Ideal Artificial Limbs Solution के बारे में
यह संस्था उच्च गुणवत्ता वाले कृत्रिम अंग और सहायक उपकरण उपलब्ध कराने के लिए समर्पित है, ताकि दिव्यांगजन आत्मनिर्भर और सक्रिय जीवन जी सकें।
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