लखनऊ। नवाबों के शहर लखनऊ के जानकीपुरम में इन्दिरा आईवीएफ ने अपने नए अस्पताल का शुभारंभ किया। यह अस्पताल दूसरी मंजिल, प्लॉट नंबर A-1, सेक्टर F, जानकीपुरम में स्थित है। इस अवसर पर लखनऊ की मेयर सुषमा खारकवाल, एडीशनल एसपी श्वेता श्रीवास्तव, इन्दिरा आईवीएफ लखनऊ के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर और जोनल बिजनेस डायरेक्टर डॉ. पवन यादव, और अस्पताल प्रमुख डॉ. शिखा सिंह ने फीता काटकर उद्घाटन किया।
भारत में करीब 3.3 से 3.4 करोड़ कपल इनफर्टिलिटी की समस्या से प्रभावित हैं, और अगले 10 वर्षों में यह संख्या 4 करोड़ तक पहुंच सकती है। हालांकि, इनमें से केवल 2% ही उपचार कराते हैं, जिसका मुख्य कारण फर्टिलिटी क्लीनिक की सीमित उपलब्धता और जागरूकता की कमी है।
छोटे शहरों में निःसंतान दंपतियों को आईवीएफ उपचार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से इन्दिरा आईवीएफ अपने ज्यादातर अस्पताल टियर-2 और टियर-3 शहरों में संचालित कर रहा है। पिछले तीन महीनों में, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, पंजाब सहित अन्य राज्यों में कई नए केंद्र खोले गए हैं। वर्तमान में, इन्दिरा आईवीएफ पूरे देश में 160 से अधिक स्थानों पर निःसंतानता उपचार उपलब्ध करवा रहा है।
मिशन: हर दंपती के माता-पिता बनने के सपने को साकार करना
इन्दिरा आईवीएफ के सीईओ और को-फाउंडर डॉ. क्षितिज मुर्डिया ने संस्थान की यात्रा और विजन साझा करते हुए कहा कि हर दंपती को माता-पिता बनने का अवसर मिलना चाहिए। उनका मिशन एडवांस फर्टिलिटी ट्रीटमेंट को सभी के लिए सुलभ और किफायती बनाना है। लखनऊ में यह अस्पताल ग्रुप का चौथा और उत्तर प्रदेश में 25वां केंद्र है।
उन्होंने बताया कि संस्थान स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक किफायती बनाने के लिए नए मॉडल पर काम कर रहा है, ताकि हर व्यक्ति को माता-पिता बनने का अवसर मिल सके।
मुख्य अतिथियों के विचार
मेयर सुषमा खारकवाल ने कहा कि इनफर्टिलिटी और उसके उपचार के प्रति जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है। टेस्ट ट्यूब बेबी तकनीक को समाज में स्वीकृति मिल रही है, और इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं। इन्दिरा आईवीएफ इस क्षेत्र में बेहतरीन कार्य कर रहा है।
एडीशनल एसपी श्वेता श्रीवास्तव ने कहा कि कई मामलों में इनफर्टिलिटी के कारण परिवारों में तनाव और बिखराव देखा गया है। आईवीएफ जैसी तकनीकों ने ऐसी समस्याओं को कम करने में मदद की है और अब अधिक से अधिक दंपती इस उपचार को अपनाने लगे हैं।
भारत में घटती प्रजनन दर और इन्दिरा आईवीएफ की भूमिका
इन्दिरा आईवीएफ लखनऊ के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर डॉ. पवन यादव ने कहा कि भारत की कुल प्रजनन दर (TFR) 2021 में 1.91 रह गई, जो जनसंख्या स्थिरता बनाए रखने के लिए आवश्यक 2.1 के स्तर से नीचे है। यह दर्शाता है कि देश में प्रभावी और सुलभ फर्टिलिटी ट्रीटमेंट की आवश्यकता बढ़ रही है।
अस्पताल प्रमुख डॉ. शिखा सिंह ने बताया कि इन्दिरा आईवीएफ अपने प्रमुख मिशन – इनफर्टिलिटी ट्रीटमेंट को सुलभ, किफायती और भ्रांतियों से मुक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इस अस्पताल के जरिए, अत्याधुनिक चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने के साथ-साथ प्रजनन स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता भी बढ़ाई जाएगी। हमारा लक्ष्य उन दंपतियों को आशा देना है, जो सोचते हैं कि वे कभी माता-पिता नहीं बन सकते।
इन्दिरा आईवीएफ के बारे में
इन्दिरा आईवीएफ भारत की सबसे बड़ी इनफर्टिलिटी ट्रीटमेंट हॉस्पिटल चेन है, जिसके 160 से अधिक केंद्र देशभर में स्थित हैं। यहां 3,100 से अधिक पेशेवर सेवाएं प्रदान कर रहे हैं और हर साल लगभग 45,000 आईवीएफ प्रक्रियाएं की जाती हैं।
संस्थान निःसंतानता को लेकर फैली भ्रांतियों और गलत सूचनाओं को दूर करने के लिए भी प्रयासरत है। इसके अलावा, इन्दिरा आईवीएफ फर्टिलिटी ट्रीटमेंट से जुड़े विशेषज्ञों को प्रशिक्षित करने के लिए इन्दिरा फर्टिलिटी एकेडमी के माध्यम से कार्य कर रहा है।
इन्दिरा आईवीएफ की स्थापना 2011 में डॉ. अजय मुर्डिया द्वारा उदयपुर, राजस्थान में की गई थी। तब से, यह संस्थान लाखों दंपतियों के माता-पिता बनने के सपने को साकार करने में मदद कर चुका है।
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