वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 50 लाख करोड़ रुपये के ऐतिहासिक बजट की घोषणा करेंगी
31 जनवरी 2025
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2025 को भारत के इतिहास का सबसे बड़ा बजट पेश करने जा रही हैं, जिसका अनुमानित आकार 50 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो सकता है। यह पिछले साल के बजट से लगभग 3 लाख करोड़ रुपये अधिक होगा। भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान की तुलना में यह बजट कई गुना बड़ा है, जहां पिछले साल मात्र 5.65 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया गया था। इस बार सीतारमण लगातार आठवीं बार बजट पेश करने जा रही हैं। वित्त सचिव तुहिन कांत पांडेय सहित अन्य शीर्ष अधिकारियों के साथ मिलकर तैयार किए गए इस बजट में कई महत्वपूर्ण आर्थिक चुनौतियों का समाधान करना होगा, जिनमें आर्थिक वृद्धि दर में गिरावट, डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोरी और उपभोग मांग में कमी शामिल है। वित्त वर्ष 2024-25 में देश की आर्थिक वृद्धि दर 6.4% रहने का अनुमान है, जो पिछले चार वर्षों का सबसे निचला स्तर है।
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वित्त मंत्री की टीम में वित्त एवं राजस्व सचिव तुहिन कांत पांडेय, आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ, व्यय सचिव मनोज गोविल, दीपम सचिव अरुणिश चावला, वित्तीय सेवा सचिव एम. नागराजू और मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन शामिल हैं। उनकी टीम का मुख्य लक्ष्य आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है, जबकि राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 4.5% से नीचे बनाए रखने के लक्ष्य को भी पूरा करना होगा। वित्त मंत्रालय में कुल छह विभाग हैं—राजस्व, आर्थिक मामले, व्यय, वित्तीय सेवाएं, दीपम और डीपीई। मंत्रालय में सबसे वरिष्ठ नौकरशाह को वित्त सचिव नियुक्त किया जाता है। तुहिन कांत पांडेय, जो अक्टूबर 2019 से बजट प्रक्रिया का हिस्सा रहे हैं, वर्तमान में वित्त सचिव हैं। उनके साथ आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ हैं, जो 2021 से अब तक चार बजट तैयार कर चुके हैं। आर्थिक मामलों के विभाग के अंतर्गत आने वाला बजट प्रभाग, बजट निर्माण की पूरी प्रक्रिया का संचालन करता है।
बजट से एक दिन पहले, मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी. अनंत नागेश्वरन 2025-26 के लिए अपनी तीसरी आर्थिक समीक्षा पेश करेंगे, जिसमें भारतीय अर्थव्यवस्था की संपूर्ण स्थिति का आकलन होगा। यह सर्वे आम जनता को बजट में प्रस्तावित योजनाओं और नीतियों की महत्ता को समझने में मदद करेगा। नागेश्वरन को जनवरी 2022 में सरकार द्वारा सीईए नियुक्त किया गया था और तब से वे लगातार आर्थिक सर्वे तैयार कर रहे हैं। इस बार का बजट भारत की अर्थव्यवस्था को गति देने और वैश्विक स्तर पर मजबूत स्थिति बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।
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