बजट 2025: अस्पतालों में डे-केयर कैंसर सेंटर कैसे कार्य करेंगे? आम जनता को इससे कैसे मिलेगी सहायता?

बजट 2025: अस्पतालों में डे-केयर कैंसर सेंटर कैसे कार्य करेंगे? आम जनता को इससे कैसे मिलेगी सहायता?

निर्मला सीतारमण संसद में अपना आठवां बजट पेश कर चुकीं हैं , जो मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट है। इस बजट में कैंसर अस्पतालों में डे-केयर सुविधाओं की शुरुआत करने की योजना बनाई गई है। इसका उद्देश्य कैंसर के मरीजों की विशेष देखभाल सुनिश्चित करना है।

03 फ़रवरी 2025 , नई दिल्ली

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में वित्त वर्ष 2025 के लिए बजट प्रस्तुत किया, जिसमें स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाओं की घोषणा की गई। कैंसर रोगियों को राहत प्रदान करने के उद्देश्य से कैंसर अस्पतालों में डे-केयर सेंटर स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। यह पहल उन मरीजों के लिए अत्यंत सहायक सिद्ध होगी, जो कैंसर जैसी गंभीर और आर्थिक रूप से चुनौतीपूर्ण बीमारी का सामना कर रहे हैं। इस निर्णय के माध्यम से न केवल इलाज की प्रक्रिया को सरल बनाया जाएगा, बल्कि मानसिक और व्यावहारिक सहायता भी उपलब्ध कराई जाएगी।

डे-केयर सेंटर क्या होते हैं और इनका कार्यप्रणाली कैसी होगी?

डे-केयर सेंटर ऐसे चिकित्सा संस्थान होते हैं जहाँ मरीजों को एक दिन में आवश्यक उपचार के बाद घर भेजा जाता है। ये केंद्र कीमोथेरेपी, इन्फ्यूजन थेरेपी और अन्य आवश्यक चिकित्सा सेवाएँ प्रदान करेंगे।

इसके अतिरिक्त, इन डे-केयर सेंटरों में मरीजों और उनके परिजनों के लिए परामर्श सेवाएँ भी उपलब्ध रहेंगी। यहाँ पर उन्हें मानसिक सपोर्ट देने के लिए प्रोफेशनल काउंसलिंग की सुविधा प्रदान की जाएगी। यह पहल न केवल चिकित्सीय देखभाल को बेहतर बनाएगी, बल्कि मरीजों को मानसिक रूप से भी स्थिर रखने में मदद करेगी।

इस बजट के अंतर्गत स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए आवश्यक सुविधाएं प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है।

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