अमेरिका से निर्वासित भारतीयों के साथ अमानवीय व्यवहार पर नाराजगी
06 फरवरी 2025, नई दिल्ली
विश्व प्रसिद्ध शांति दूत और मानवाधिकार नेता डॉ. के.ए. पॉल ने अमेरिका से भारत भेजे गए नागरिकों के साथ हुए अमानवीय व्यवहार की कड़ी निंदा की है। उन्होंने बताया कि इन भारतीय नागरिकों को हथकड़ियों और पैरों में जंजीरों के साथ अमृतसर लाया गया, जो अपराधियों या आतंकवादियों जैसा व्यवहार है। इसे अस्वीकार्य बताते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से तत्काल हस्तक्षेप करने की अपील की।
डॉ. पॉल ने कहा कि यदि इस मुद्दे का समाधान नहीं किया जाता, तो प्रधानमंत्री को अपनी आगामी अमेरिकी यात्रा रद्द कर इसका विरोध दर्ज कराना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत सरकार को अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए मजबूती से खड़ा होना चाहिए और विदेशों में उनके साथ हो रहे अन्याय को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

डॉ. पॉल ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर की प्रतिक्रिया को भी निराशाजनक बताया और कहा कि वह भारतीय नागरिकों के साथ हो रहे अन्याय पर चुप हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि जयशंकर डोनाल्ड ट्रंप के उद्घाटन समारोह में भाग लेने के लिए समय निकाल सकते हैं, लेकिन भारतीयों की पीड़ा पर कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे। डॉ. पॉल ने मांग की कि अगर जयशंकर भारतीयों के अधिकारों की रक्षा नहीं कर सकते, तो उन्हें पद से हटा देना चाहिए।
डॉ. पॉल ने बताया कि बांग्लादेश, म्यांमार, पाकिस्तान और कई लैटिन अमेरिकी देश अपने नागरिकों के साथ भेदभाव और जबरन निर्वासन के खिलाफ सख्त कदम उठा चुके हैं। उन्होंने सवाल किया कि भारत जैसे बड़े देश के नागरिकों के साथ ऐसा अमानवीय व्यवहार क्यों किया जा रहा है? उन्होंने कहा कि यदि भारतीय नागरिक अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे हैं, तो उनके खिलाफ उचित कानूनी प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए, न कि उन्हें अपमानजनक तरीके से निर्वासित किया जाए।
भारत को बचानी होगी अपनी गरिमा
डॉ. पॉल ने कहा कि भारत अमेरिका के लिए भू-राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है, खासकर चीन, उत्तर कोरिया, ईरान और रूस जैसी चुनौतियों के बीच। उन्होंने भारत के नेताओं पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे देश के सम्मान की रक्षा करने में असफल हो रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि अगर उन्हें नेतृत्व का अवसर मिलता, तो वे भारत की गरिमा को फिर से स्थापित करते।
डॉ. पॉल ने सभी भारतीयों से अपील की कि वे इस अन्याय के खिलाफ एकजुट होकर आवाज उठाएं। उन्होंने भारतीय सरकार से अपने नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करने और वैश्विक मंच पर उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की। इसके साथ ही, उन्होंने www.kapaul.org नाम की एक वेबसाइट लॉन्च की, जहां अमेरिका में मौजूद भारतीय नागरिकों को इमिग्रेशन सहायता दी जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस पहल के लिए किसी भी प्रकार का दान स्वीकार नहीं किया जाएगा।