AI और साइबर सुरक्षा: MERI में 20वें राष्ट्रीय आईटी सेमिनार APRENDEMOS-2025 का आयोजन

AI और साइबर सुरक्षा: MERI में 20वें राष्ट्रीय आईटी सेमिनार APRENDEMOS-2025 का आयोजन

तेजी से बढ़ते साइबर हमलों के दौर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) सुरक्षा का नया हथियार बन रहा है। इसी महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा करने के लिए मैनेजमेंट एजुकेशन एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट (MERI) ने अपने 20वें राष्ट्रीय आईटी सेमिनार APRENDEMOS-2025 का आयोजन किया। इस सम्मेलन में करीब 250 छात्रों, आईटी विशेषज्ञों और शिक्षाविदों ने भाग लिया और साइबर सुरक्षा को मजबूत करने के तरीकों पर विचार साझा किए।

साइबर सुरक्षा पर विशेषज्ञों की राय

कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन, सरस्वती वंदना और राष्ट्रगान के साथ हुई। उद्घाटन भाषण में MERI के उपाध्यक्ष प्रो. ललित अग्रवाल ने कहा कि डिजिटल सुरक्षा केवल सरकार या कंपनियों की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है।

मुख्य वक्ता श्री आलोक विजयंती, प्रबंध निदेशक, Cyroit Technologies, ने साइबर खतरों के बदलते स्वरूप को उजागर किया और बताया कि एआई के इस्तेमाल से इन खतरों को कम किया जा सकता है। श्री जितेंद्र सिंह, मैनेजर, डेटा साइंस, Publicis Sapient, ने साइबर सुरक्षा में एन्क्रिप्शन और एक्सेस कंट्रोल जैसी तकनीकों की भूमिका पर प्रकाश डाला।

साइबर अपराधों पर चर्चा करते हुए, श्री सुरेश कुमार सेठी, साइबर सुरक्षा और बीमा विशेषज्ञ, ने बताया कि फ़िशिंग, रैनसमवेयर और सॉफ्टवेयर पायरेसी जैसे अपराध आम लोगों को सबसे अधिक प्रभावित कर रहे हैं। उन्होंने साइबर बीमा की महत्ता को रेखांकित किया, जिससे वित्तीय नुकसान को कम किया जा सकता है।

हैकिंग क्लब के निदेशक श्री सूर्य प्रताप सिंह ने लाइव डेमो के माध्यम से दिखाया कि साइबर अपराधी फ़िशिंग, सोशल मीडिया हैक्स और मैलवेयर का उपयोग कर डेटा चुराते हैं। उन्होंने ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचने के लिए कुछ महत्वपूर्ण टिप्स भी दिए।

पैनल चर्चा और इंटर-कॉलेज क्विज प्रतियोगिता

एक पैनल चर्चा के दौरान, डॉ. राकेश खुराना, साइबर सुरक्षा सलाहकार, MERI, ने चर्चा का संचालन किया, जिसमें क्लाउड विशेषज्ञ श्री सौगत प्रमाणिक, साइबर सुरक्षा अधिकारी एसआई मनोज कुमार, और जामिया हमदर्द विश्वविद्यालय की सहायक प्रोफेसर डॉ. शेरीन ज़फर ने अपने विचार साझा किए।

डॉ. ज़फर ने बताया कि साइबर सुरक्षा से जुड़े अनुसंधान में एआई किस तरह मदद कर सकता है, जबकि एसआई मनोज कुमार ने ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचने के लिए जागरूकता और सतर्कता की आवश्यकता पर जोर दिया।

इसके अलावा, छात्रों के लिए इंटर-कॉलेज आईटी क्विज का भी आयोजन किया गया, जिसमें प्रतिभागियों ने अपनी तकनीकी समझ का परीक्षण किया और नई जानकारियां प्राप्त कीं।

सम्मान समारोह और समापन

कार्यक्रम के अंत में पुरस्कार और प्रमाणपत्र वितरण किया गया, जहां सभी वक्ताओं, प्रतिभागियों और आयोजकों को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया। इस सम्मेलन ने न केवल साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाई बल्कि एआई के प्रभावी उपयोग से डिजिटल खतरों का सामना करने की नई संभावनाएं भी प्रस्तुत कीं।

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