विकास की आड़ में विनाश? सुप्रीम कोर्ट ने जंगल कटाई पर लगाई रोक!

विकास की आड़ में विनाश? सुप्रीम कोर्ट ने जंगल कटाई पर लगाई रोक!

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: तेलंगाना सरकार को पेड़ काटने से रोका, हाई कोर्ट रजिस्ट्रार से मांगी रिपोर्ट

04 अप्रैल 2025 , नई दिल्ली

सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना के गचीबोवली (कांची) में पेड़ों की कटाई पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने इस मामले में हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार से पूरी साइट रिपोर्ट मांगी है। इस इलाके में आईटी पार्क्स के निर्माण के लिए करीब 400 एकड़ जंगल काटे जा रहे थे, जिससे पर्यावरण प्रेमियों और स्थानीय लोगों में गहरा आक्रोश था।

कोर्ट का दखल और कड़ी टिप्पणी


सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि “विकास जरूरी है, लेकिन इसकी कीमत पर्यावरण को नुकसान पहुंचाकर नहीं चुकाई जा सकती।” अदालत ने राज्य सरकार से यह स्पष्ट करने को कहा कि इतनी बड़ी मात्रा में पेड़ों की कटाई की क्या आवश्यकता थी और क्या इसके लिए सभी पर्यावरणीय मंजूरी ली गई थी।

क्यों हो रहा था विरोध?


तेलंगाना सरकार आईटी पार्क्स के लिए जंगलों को साफ कर रही थी, जिससे वन्यजीवों के आवास नष्ट होने और पर्यावरणीय असंतुलन का खतरा बढ़ गया था। स्थानीय नागरिकों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने इस परियोजना के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया।

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कोर्ट का सख्त रुख


सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य सचिव से इस परियोजना पर पूरी रिपोर्ट मांगी है और यह चेतावनी दी है कि अगर सरकार इस फैसले का पालन नहीं करती, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।

क्या विकास पर्यावरण से बड़ा है?


अब सवाल यह उठता है कि क्या विकास के नाम पर जंगलों की बलि देना सही है? क्या सरकार को इस मुद्दे पर कोई संतुलित समाधान निकालना चाहिए था?

इस फैसले से पर्यावरण प्रेमियों को राहत जरूर मिली है, लेकिन यह बहस जारी है कि भारत में विकास और पर्यावरण के बीच सही संतुलन कैसे बनाया जाए।

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