नई दिल्ली, एक बड़े फ्रेंचाइज़ी घोटाले का पर्दाफाश हुआ है, जिसमें देश के विभिन्न हिस्सों के पीड़ितों ने मुंबई और दिल्ली स्थित Dallas Ecom Infotech Pvt. Ltd. पर फर्जी फ्रेंचाइज़ी मॉडल के तहत ₹3,000 करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। कंपनी ने “Ecom Delivery” नाम से यह घोटाला अंजाम दिया। आज आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीड़ितों ने CBI और ED से पूरी जांच की मांग की और इसे “बार-बार दोहराया जाने वाला घोटाले का मॉडल” बताया।
घोटाले की रूपरेखा
कंपनी ने कथित तौर पर 950 से अधिक फर्जी फ्रेंचाइज़ी बेचीं, जिनमें राज्य, ज़ोनल, ज़िला और पिन-कोड स्तर पर फ्रेंचाइज़ी मॉडल शामिल थे। निवेश की राशि ₹1.5 लाख से लेकर ₹32.5 लाख तक थी। पीड़ितों का आरोप है कि उन्हें भारी मुनाफे और व्यवसायिक सहायता का भरोसा दिलाया गया, लेकिन भुगतान प्राप्त होते ही कंपनी के मुंबई और दिल्ली स्थित सभी कार्यालय अचानक बंद हो गए। सम्पर्क में आने के सारे फोन नंबर भी बंद कर दिए गए, जिससे पीड़ित पूरी तरह से बेकसूर हो गए।
पहले के घोटालों का ज़ंज़ीरा
पीड़ितों ने आरोप लगाया कि यह मामला पहली बार नहीं है। इसी कोर टीम से जुड़े लोगों ने पहले भी RoadEx, Just Delivery जैसी फर्जी कंपनियों के जरिए इसी तरह के घोटाले किए हैं। हर बार नए नामों और डमी डायरेक्टरों के माध्यम से कंपनियाँ बनाई जाती हैं, जो लगभग 9-10 महीने चलती हैं और फिर गायब हो जाती हैं। एक कर्मचारी, जो पहले RoadEx में अमन गुप्ता के नाम से काम करता था, अब Ecom Delivery में आदर्श मिश्रा के रूप में सक्रिय नजर आ रहा है।
सबूतों की प्रस्तुति और जांच की मांग
पीड़ितों ने बताया कि उन्होंने कंपनी से जुड़े लोगों की फर्जी डिजिटल पहचान, बदलते LinkedIn प्रोफाइल और दस्तावेज़ों को इकट्ठा किया है, जिससे यह मामला एक सुनियोजित आर्थिक अपराध के रूप में सामने आता है। उन्होंने एक पेन ड्राइव में वित्तीय रिकॉर्ड, संवाद और अनुबंधों की प्रतिलिपियाँ संबंधित अधिकारियों को सौंप दी हैं। पीड़ितों का मानना है कि इस घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के भी सुराग मौजूद हैं। पहले ही शिकायतें आर्थिक अपराध शाखा (EOW), गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (SFIO) और सरिता विहार-जसोल दिल्ली के थानों में दर्ज की जा चुकी हैं।

मुख्यमंत्री से तत्काल कार्रवाई का आश्वासन
आज सुबह, पीड़ितों के एक समूह ने दिल्ली के मुख्यमंत्री से मुलाकात की, जिन्होंने मामले की गंभीरता को स्वीकार करते हुए तत्काल उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया। हालांकि, पीड़ितों ने चेतावनी दी कि यदि जल्द ठोस कदम नहीं उठाए गए तो देशभर में विरोध प्रदर्शन शुरू किए जाएंगे।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में विशाल स्वैन, विनोद राठौर, अभिषेक धुर्वे, मोनिका चौधरी, और गुरविंदर सिंह ने इस घोटाले को उजागर करते हुए न्याय की मांग की।
विशाल स्वैन ने कहा,
“हम केवल पीड़ित नहीं हैं – हम एक राष्ट्रीय व्हिसलब्लोअर हैं, जो लोगों की जिंदगियाँ बर्बाद कर रहा है। सरकार को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि और परिवार इस धोखाधड़ी का शिकार न हों।”
मोनिका चौधरी ने जोड़ा,
“हमने अपनी कमाई इस कंपनी पर भरोसा करके लगाई थी। अब हम न सिर्फ अपने धन की वापसी के लिए, बल्कि इस फर्जी बिज़नेस मॉडल को उजागर करने के लिए लड़ रहे हैं, जो देशभर में लोगों का शोषण कर रहा है।”
पीड़ितों की प्रमुख मांगें
- पूर्ण जांच: कंपनी और उसके वित्तीय नेटवर्क की CBI एवं ED द्वारा गहन जांच।
- दोषियों की गिरफ्तारी: सभी आरोपियों की तुरंत गिरफ्तारी और बैंक खातों की फोरेंसिक जांच।
- संपत्तियों की जब्ती: घोटाले से प्राप्त राशि से खरीदी गई संपत्तियों की जब्ती।
- मुआवजा: पीड़ित निवेशकों के लिए उचित मुआवजे की संरचना।
- नियामक नियंत्रण: निजी फ्रेंचाइज़ी सेक्टर पर कड़ा नियामक नियंत्रण।
Ecom Delivery, RoadEx, और Just Delivery जैसी कंपनियों में 2,000 से अधिक परिवारों के साथ कुल ₹3,000 करोड़ की धोखाधड़ी हुई है। पीड़ितों का कहना है कि यह मामला केवल धन वसूली का नहीं, बल्कि जनता के विश्वास की सुरक्षा का भी है। इस प्रकार के घोटालों को रोकना जरूरी है ताकि भविष्य में और लोग शिकार न बनें।
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