हरतालिका तीज पर सुहागिनों के लिए खास हैं ये लोकप्रिय गीत: ‘तीज के बरतिया’ से लेकर ‘अचल सुहाग’ तक
तीज के गीत: सुहागिनों की भक्ति और उत्साह का प्रतीक

नई दिल्ली, 26 अगस्त 2025
हरतालिका तीज का त्योहार भगवान शिव और माता पार्वती के प्रेम और मिलन का प्रतीक माना जाता है। यह पर्व सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद खास होता है, जिन्हें अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना के साथ निर्जला व्रत रखने की परंपरा है। इस दिन घरों में पूजा-अर्चना होती है और रातभर जागरण के दौरान भजन और तीज गीत गाए जाते हैं, जो इस पर्व की भक्ति और रौनक को दोगुना कर देते हैं।
हरतालिका तीज को और भी खास बनाने वाले कुछ लोकप्रिय गीत इस प्रकार हैं:
सात सखियां
यह गीत तीज पर सुहागिन महिलाओं की एकजुटता और सात सखियों के साथ पूजन की परंपरा को दर्शाता है। इस गीत में महिलाएं एक-दूसरे के साथ मिलकर शिव-पार्वती की पूजा करती हैं।
तीज व्रत भूखल बानी
निशा उपाध्याय की आवाज में यह गीत हरतालिका तीज के निर्जला व्रत के दौरान गाया जाता है। इस गीत में महिलाओं के समर्पण और भक्ति को खूबसूरती से पेश किया गया है।
तीज के बरतिया
भोजपुरी स्टार अक्षरा सिंह और रिनी चंद्रा की आवाज में गाया गया यह गीत पांच साल पहले रिलीज हुआ था और आज भी तीज के मौके पर सोशल मीडिया पर ट्रेंड करता है। यह गीत सुहागिन महिलाओं की भावनाओं और उत्साह को दर्शाता है।
सजे हैं अंबर, सजी है धरती
शिव-पार्वती के मिलन और प्रेम को समर्पित यह भजन तीज के दिन रात्रि जागरण में खूब सुना जाता है। यूट्यूब पर भी यह भजन काफी लोकप्रिय है और हर साल लाखों लोग इसे सुनते हैं।
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मिले सातों जनम का प्यार
यह गीत पति-पत्नी के बीच प्रेम और सात जन्मों तक साथ रहने की कामना को दर्शाता है। सुहागिन महिलाएं इसे अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए गाती हैं।
प्यार मिल जाए पिया का
टीवी शो ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ में भी सुना गया यह गीत शिव-पार्वती के प्रेम और साथ को दर्शाता है और हरतालिका तीज पर महिलाओं के बीच बेहद लोकप्रिय है।
अचल सुहाग
भोजपुरी अदाकारा काजल राघवानी पर फिल्माया गया यह गीत अल्का झा की आवाज में गाया गया है। ‘अचल सुहाग’ सुहागिन महिलाओं की भावनाओं को उजागर करता है, जिसमें वे अपने पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं।
हरतालिका तीज पर इन गीतों का महत्व न केवल भक्ति से जुड़ा है, बल्कि यह महिलाओं की सांस्कृतिक और पारिवारिक परंपराओं को भी जीवित रखता है।
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