चंद्र ग्रहण 2025: इन कामों से करें परहेज़, गर्भवती महिलाएं रखें खास सावधानियां

साल का दूसरा और अंतिम पूर्ण चंद्र ग्रहण – जानें समय और महत्व

Suditi Raje | Published: September 6, 2025 15:49 IST, Updated: September 6, 2025 15:49 IST
चंद्र ग्रहण 2025: इन कामों से करें परहेज़, गर्भवती महिलाएं रखें खास सावधानियां

नई दिल्ली, 6 सितंबर 2025

सितंबर का महीना धार्मिक दृष्टि से बेहद खास है क्योंकि इसी महीने साल का दूसरा और अंतिम पूर्ण चंद्र ग्रहण पड़ने जा रहा है। यह ग्रहण 7 सितंबर की रात को लगेगा और भारत समेत एशिया, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, अमेरिका, फिजी और अंटार्कटिका के कई हिस्सों से दिखाई देगा।

कब लगेगा चंद्र ग्रहण?

खगोलविदों के अनुसार, चंद्र ग्रहण 7 सितंबर की रात 9:58 बजे से शुरू होगा और देर रात 1:26 बजे समाप्त होगा। यह एक पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा, जिसकी कुल अवधि लगभग 3 घंटे 30 मिनट की होगी।
ज्योतिष मान्यताओं के मुताबिक, ग्रहण से लगभग 9 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है। यानी इस दिन दोपहर 12:59 बजे से सूतक काल लागू हो जाएगा, जो ग्रहण समाप्त होने तक रहेगा।

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ग्रहण काल में क्या करें?

  • भगवान का स्मरण और मंत्र जाप करें।
  • ध्यान और साधना करना बेहद लाभकारी माना जाता है।
  • पहले से बने भोजन को सुरक्षित रखने के लिए उसमें तुलसी के पत्ते डाल दें।
  • ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान करें और दान-पुण्य करना शुभ होता है। किन कामों से बचें?

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चंद्र ग्रहण और सूतक काल में कुछ कार्यों से सख्ती से परहेज़ करना चाहिए:

  • इस दौरान सोना, खाना पकाना या भोजन करना वर्जित माना जाता है।
  • बाल और नाखून काटना, तेल लगाना या अपवित्र काम करने से बचें।
  • ग्रहण के समय खरीदारी करना अशुभ होता है।
  • भगवान की मूर्तियों को छूना वर्जित है, हालांकि मंत्र जाप और भजन-कीर्तन कर सकते हैं।
  • आसमान की ओर देखने से बचें।
  • गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष सावधानियां ग्रहण का सबसे अधिक प्रभाव गर्भवती महिलाओं पर माना जाता है।

    इसलिए उन्हें खास तौर पर सावधान रहना चाहिए:
  • गर्भवती महिलाएं घर के अंदर रहें और ग्रहण देखने से बचें।
  • इस दौरान सुई-धागा या किसी धारदार वस्तु का प्रयोग न करें।
  • ग्रहण खत्म होने के बाद स्नान करना शुभ माना जाता है।

चंद्र ग्रहण जहां एक खगोलीय घटना है, वहीं धार्मिक मान्यताओं के चलते इसे आस्था से भी जोड़ा जाता है। मान्यता है कि ग्रहण काल में किए गए अच्छे कार्य जैसे ध्यान, साधना और दान-पुण्य कई गुना फल देते हैं। वहीं, अशुभ माने जाने वाले कार्यों से बचना जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डालता है।

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