रक्षा मंत्रालय की मीडिया को चेतावनी: “रक्षा अभियानों की लाइव रिपोर्टिंग से बचें, राष्ट्रीय सुरक्षा से बड़ा कुछ नहीं”

By Suditi Raje | May 9, 2025 | Categories: देश
रक्षा मंत्रालय की मीडिया को चेतावनी: "रक्षा अभियानों की लाइव रिपोर्टिंग से बचें, राष्ट्रीय सुरक्षा से बड़ा कुछ नहीं"

मीडिया की भूमिका पर सख्त निगरानी: रक्षा मंत्रालय की चेतावनी गंभीर

09 मई 2025 , नई दिल्ली।

भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय ने देश की सुरक्षा से संबंधित एक अत्यंत महत्वपूर्ण मीडिया एडवाइजरी जारी की है। इस एडवाइजरी के तहत सभी मीडिया चैनलों, डिजिटल प्लेटफॉर्म्स, पत्रकारों और आम नागरिकों को निर्देशित किया गया है कि वे रक्षा अभियानों या सुरक्षा बलों की गतिविधियों की लाइव कवरेज या रियल-टाइम रिपोर्टिंग से पूरी तरह परहेज़ करें।

रक्षा मंत्रालय ने यह चेतावनी ऐसे समय में जारी की है जब देश की सुरक्षा चुनौतियां लगातार बढ़ रही हैं और सीमाओं पर खतरे मंडरा रहे हैं। मंत्रालय ने यह स्पष्ट किया है कि किसी भी प्रकार की संवेदनशील या स्रोत-आधारित जानकारी को उजागर करना सुरक्षा अभियानों की गोपनीयता, प्रभावशीलता और सैनिकों की जान को खतरे में डाल सकता है।

बीते अनुभवों से मिली सीख


मंत्रालय ने अपने आधिकारिक बयान में कारगिल युद्ध (1999), 26/11 मुंबई आतंकी हमला (2008) और कंधार विमान अपहरण (1999) जैसे उदाहरणों का उल्लेख करते हुए कहा कि उस समय भी कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के चलते सुरक्षा बलों की रणनीति प्रभावित हुई थी। इसीलिए अब समय की मांग है कि मीडिया संस्थान राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखते हुए अत्यंत जिम्मेदारी के साथ काम करें।

केबल टेलीविजन नेटवर्क (संशोधन) नियम, 2021 का हवाला


रक्षा मंत्रालय ने बताया कि वर्ष 2021 में लागू हुए केबल टेलीविजन नेटवर्क (संशोधन) नियमों की धारा 6(1)(p) के तहत यह अनिवार्य किया गया है कि आतंकवाद-रोधी अभियानों के दौरान केवल अधिकृत अधिकारियों द्वारा जारी की गई जानकारी और ब्रीफिंग को ही प्रसारित किया जा सकता है। अन्य किसी भी प्रकार की रिपोर्टिंग नियमों के उल्लंघन की श्रेणी में आएगी।

यह भी पढ़े: ऑपरेशन सिंदूर: भारतीय सेना का करारा जवाब, महिला सैन्य अधिकारियों ने दुनिया को दिखाई ताकत

मीडिया संस्थानों, पत्रकारों और नागरिकों से की गई अपील


रक्षा मंत्रालय ने सभी मीडिया संस्थानों से अपील की है कि वे:

राष्ट्र की सुरक्षा के मुद्दों पर अत्यधिक सतर्कता और संवेदनशीलता बरतें।

रिपोर्टिंग में सही समय, सही स्रोत और आधिकारिक पुष्टि को प्राथमिकता दें।

ऑपरेशनल जानकारी को उजागर करने से बचें।

पत्रकारिता के उच्चतम नैतिक मानकों का पालन करें।

डिजिटल युग में जब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर कुछ भी पलभर में वायरल हो सकता है, ऐसे में हर नागरिक की भी यह जिम्मेदारी है कि वह किसी भी असत्यापित जानकारी या अफवाह को फैलाने से बचें।

क्यों है यह दिशा-निर्देश ज़रूरी?


सुरक्षा बलों की रणनीतियों, मूवमेंट और संवेदनशील अभियानों की पूर्व रिपोर्टिंग से न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है, बल्कि सैनिकों की जान को भी खतरा हो सकता है। समय से पहले या अनधिकृत रिपोर्टिंग दुश्मन के हाथ में ऐसे कार्ड दे सकती है जिससे हमारे सुरक्षा अभियान विफल हो सकते हैं।

यह भी पढ़े: Bhool Chuk Maaf का सिनेमाघरों में नहीं, अब सीधे OTT पर होगा प्रीमियर — जानिए क्यों लिया गया ये चौंकाने वाला फैसला!

No Comments Yet

Leave a Comment