उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन और नितिन गडकरी ने किया वासुदेव देवनानी की पुस्तक ‘सनातन संस्कृति की अटल दृष्टि’ का विमोचन

उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन और नितिन गडकरी ने किया वासुदेव देवनानी की पुस्तक ‘सनातन संस्कृति की अटल दृष्टि’ का विमोचन

उपराष्ट्रपति भवन में आयोजित कार्यक्रम में अटल बिहारी वाजपेयी की राष्ट्रवादी सोच, सनातन मूल्यों और भारतीय संस्कृति की समावेशी चेतना पर हुई विस्तृत चर्चा।

नई दिल्ली, 24 दिसंबर 2025:

भारत के उपराष्ट्रपति श्री सी.पी. राधाकृष्णन और केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को उपराष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली में राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी की पुस्तक ‘सनातन संस्कृति की अटल दृष्टि’ का विधिवत विमोचन किया।

इस अवसर पर उपराष्ट्रपति श्री राधाकृष्णन ने पुस्तक को भारत माता और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को समर्पित एक भावपूर्ण कृति बताया। उन्होंने कहा कि यह आयोजन ऐसे समय में हुआ है, जब देश अटल जी की जन्म शताब्दी के ऐतिहासिक अवसर की ओर अग्रसर है। उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी को सिद्धांतों पर अडिग, दूरदर्शी और लोकतांत्रिक मूल्यों के मजबूत प्रहरी के रूप में याद किया, जिनकी नीतियों ने आधुनिक भारत की बुनियाद को सशक्त बनाया।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि अटल जी का जीवन मंत्र था—“राष्ट्र सर्वोपरि, दल उसके बाद और स्वयं अंत में।” उनके अनुसार, यह पुस्तक अटल बिहारी वाजपेयी की सांस्कृतिक चेतना, संसदीय परंपराओं के प्रति सम्मान और राष्ट्रवादी दृष्टिकोण को प्रभावी रूप से सामने लाती है।

उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन और नितिन गडकरी ने किया वासुदेव देवनानी की पुस्तक ‘सनातन संस्कृति की अटल दृष्टि’ का विमोचन

केंद्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी ने अपने संबोधन में कहा कि सनातन, हिंदू और भारतीय संस्कृति को अलग-अलग देखने की सोच भ्रामक है, क्योंकि ये तीनों एक ही सभ्यतागत धारा की अभिव्यक्ति हैं। उन्होंने स्वामी विवेकानंद के विचारों का उल्लेख करते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति का मूल तत्व समावेशिता, सर्वधर्म समभाव और मानवता के प्रति सम्मान है, जो अटल जी के व्यक्तित्व और कृतित्व में स्पष्ट रूप से झलकता है।

पुस्तक के लेखक और राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि यह कृति सनातन संस्कृति के शाश्वत मूल्यों के आलोक में अटल बिहारी वाजपेयी के जीवन, विचार और नेतृत्व का विश्लेषण करती है। उन्होंने कहा कि अटल जी का जनसंघ कार्यकर्ता से प्रधानमंत्री तक का सफर अटूट राष्ट्रवाद, लोकतांत्रिक विश्वास और सांस्कृतिक जड़ों से गहरे जुड़ाव का प्रतीक है।

इस कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री श्री भागीरथ चौधरी, आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख श्री सुनील आंबेकर, राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के अध्यक्ष श्री मिलिंद मराठे, वरिष्ठ अधिकारी तथा अनेक गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।

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