महिलाओं में पुरुषों से ज्यादा एंग्जाइटी और डिप्रेशन: डब्ल्यूएचओ रिपोर्ट में बड़ा खुलासा
सामाजिक दबाव और भेदभाव: महिलाओं की मानसिक सेहत पर गहरा असर

नई दिल्ली, 3 सितंबर 2025
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने हाल ही में जारी अपनी रिपोर्ट में बताया है कि मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियों का बोझ महिलाओं पर पुरुषों की तुलना में कहीं अधिक है। दुनिया भर में लगभग एक अरब से ज्यादा लोग मानसिक बीमारियों से जूझ रहे हैं, लेकिन चिंता (Anxiety) और अवसाद (Depression) जैसी स्थितियां महिलाओं में ज्यादा देखने को मिल रही हैं।
क्यों महिलाएं होती हैं ज्यादा प्रभावित?
महिलाओं को लंबे समय से समाज में परिवार और जिम्मेदारियों का मजबूत स्तंभ माना जाता है। घर और बाहर दोनों जगह की जिम्मेदारियां निभाने के साथ ही सामाजिक दबाव, भेदभाव और आर्थिक असमानता उनकी जिंदगी का हिस्सा बन जाते हैं। यही वजह है कि उनके ऊपर मानसिक दबाव कई गुना ज्यादा होता है।
इसके अलावा, महिलाओं की शारीरिक संरचना और हार्मोनल बदलाव भी मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं।
- मासिक धर्म (Periods)
- गर्भावस्था और प्रसव (Pregnancy & Postpartum)
- मेनोपॉज (Menopause)
इन जीवन चरणों के दौरान हार्मोनल उतार-चढ़ाव अवसाद और एंग्जाइटी के खतरे को बढ़ा देते हैं।
यह भी पढ़े: Honey Singh का नया धमाका: ‘Mafia’ गाने का टीजर हुआ रिलीज, नरगिस फाखरी संग दिखे रैपर
किन लक्षणों से पहचानें?
मानसिक स्वास्थ्य की समस्या को समय रहते पहचानना बेहद जरूरी है। इसके कुछ आम लक्षण इस प्रकार हैं:
- लगातार उदासी या निराशा महसूस होना
- पहले जिन चीजों में रुचि थी, उनमें दिलचस्पी खत्म होना
- चिड़चिड़ापन और गुस्सा
- नींद में बदलाव (बहुत ज्यादा सोना या बिल्कुल नींद न आना)
- थकान और ऊर्जा की कमी
- बार-बार सिरदर्द या पाचन संबंधी समस्याएं
अक्सर महिलाएं इन संकेतों को सामान्य समझकर अनदेखा कर देती हैं, जिससे स्थिति और बिगड़ जाती है।
समाधान क्या है?
- खुलकर बात करें – मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी शर्म और सामाजिक धारणाओं को तोड़ना बेहद जरूरी है। अपने परिवार और दोस्तों से अपनी भावनाएं साझा करें।
- प्रोफेशनल मदद लें – जरूरत पड़ने पर किसी थेरेपिस्ट या काउंसलर से संपर्क करें। थेरेपी एक सुरक्षित जगह देती है, जहां आप बिना डर अपनी भावनाओं को व्यक्त कर सकती हैं।
- स्वयं की देखभाल करें – योग, ध्यान, व्यायाम और संतुलित आहार मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में सहायक होते हैं।
- सपोर्ट सिस्टम बनाएं – ऐसे लोगों से जुड़ें जो आपको समझते हैं और सकारात्मक ऊर्जा देते हैं।
डब्ल्यूएचओ की यह रिपोर्ट एक बड़ी चेतावनी है कि मानसिक स्वास्थ्य को नजरअंदाज करना महिलाओं के लिए गंभीर खतरा बन सकता है। इसलिए जरूरी है कि समय पर इसके लक्षणों को पहचाना जाए और बिना झिझक मदद ली जाए। मानसिक स्वास्थ्य भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना शारीरिक स्वास्थ्य, और इसे लेकर जागरूकता बढ़ाना हम सबकी जिम्मेदारी है।
यह भी पढ़े: Bigg Boss 19 का पहला वीकेंड वार: सात कंटेस्टेंट्स नॉमिनेशन में, कौन होगा पहला बेघर?
No Comments Yet