World Physiotherapy Day 2025: Physiotherapy से जुड़े इन आम मिथकों पर न करें भरोसा, जानें सही हकीकत

दर्द से राहत से लेकर सर्जरी टालने तक—जानें Physiotherapy के असली फायदे

Suditi Raje | Published: September 8, 2025 18:50 IST, Updated: September 8, 2025 19:06 IST
World Physiotherapy Day 2025: Physiotherapy से जुड़े इन आम मिथकों पर न करें भरोसा, जानें सही हकीकत

हर साल 8 सितंबर को विश्व फिजियोथेरेपी दिवस (World Physiotherapy Day) मनाया जाता है। इसका उद्देश्य लोगों को फिजियोथेरेपी की अहमियत और इसके लाभों के बारे में जागरूक करना है। आधुनिक मेडिकल साइंस में Physiotherapy की भूमिका तेजी से बढ़ रही है। आज सिर्फ चोट या ऑपरेशन के बाद ही नहीं, बल्कि कई गंभीर और रोज़मर्रा की समस्याओं में भी Physiotherapy से राहत पाई जा रही है।

हालांकि, इसके बावजूद समाज में Physiotherapy को लेकर कई मिथक यानी गलत धारणाएं फैली हुई हैं। यही वजह है कि लोग समय पर इलाज नहीं कराते और समस्या और भी बढ़ जाती है। आइए जानते हैं विशेषज्ञों से कि Physiotherapy से जुड़े कौन-से मिथक हैं और उनकी सच्चाई क्या है।

मिथक 1: Physiotherapy बहुत दर्दनाक होती है

लखनऊ के एक निजी अस्पताल में कार्यरत Physiotherapist डॉ. जोहैब काजी बताते हैं कि यह सबसे आम मिथक है। बहुत से लोग मानते हैं कि फिजियोथेरेपी के दौरान दर्द बढ़ता है। जबकि हकीकत यह है कि Physiotherapy का असली मकसद दर्द को कम करना होता है।
Physiotherapy मालिश, स्ट्रेचिंग, अल्ट्रासाउंड और हीट थेरेपी जैसी तकनीकों का इस्तेमाल करते हैं। मरीज की सहनशीलता के अनुसार ही एक्सरसाइज कराई जाती है ताकि तकलीफ न बढ़े।

मिथक 2: Physiotherapy सिर्फ चोटों के लिए है

अक्सर लोग सोचते हैं कि Physiotherapy केवल खेल की चोटों या एक्सीडेंट के बाद ही जरूरी होती है। लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है। डॉ. काजी के अनुसार Physiotherapy पीठ और गर्दन के दर्द, गठिया, लकवा, पार्किंसंस जैसी बीमारियों और मांसपेशियों की कमजोरी में भी बेहद कारगर है।

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मिथक 3: यह डॉक्टर के इलाज का विकल्प नहीं है कानपुर के

Physiotherapist डॉ. मानवेंद्र बरनवाल बताते हैं कि एक बड़ी गलतफहमी यह भी है कि Physiotherapy डॉक्टर की सलाह से अलग है। सच्चाई यह है कि Physiotherapy और मेडिकल ट्रीटमेंट एक-दूसरे के पूरक हैं। कई मामलों में फिजियोथेरेपी की मदद से सर्जरी तक टाली जा सकती है।

मिथक 4: यह सिर्फ बुजुर्गों के लिए है

डॉ. बरनवाल के मुताबिक, लोग मानते हैं कि Physiotherapy केवल बुजुर्गों के लिए होती है। जबकि यह हर उम्र के लोगों के लिए फायदेमंद है।बच्चों में यह विकास संबंधी समस्याओं को ठीक करने में मदद करती है।किशोरों को खेल की चोटों से उबरने में सहायक है।वहीं, वयस्कों में गलत पोस्चर, बैक पेन और लाइफस्टाइल से जुड़ी कई दिक्कतों को दूर करती है।

मिथक 5: Physiotherapy का मतलब सिर्फ एक्सरसाइज है

बहुत से लोग सोचते हैं कि Physiotherapy में सिर्फ कुछ एक्सरसाइज कराई जाती हैं। जबकि यह आधा सच है। Physiotherapy एक व्यापक विज्ञान है जिसमें मैनुअल थेरेपी, इलेक्ट्रोथेरेपी, हीट थेरेपी, हाइड्रोथेरेपी और कई तरह की मशीनों का इस्तेमाल किया जाता है।एक Physiotherapist समस्या को समझकर मरीज के लिए व्यक्तिगत प्लान तैयार करता है, जिसमें एक्सरसाइज के साथ ये सभी तकनीकें शामिल होती हैं।

“Physiotherapy सिर्फ चोट या बीमारी के बाद की जरूरत नहीं है, बल्कि यह शरीर को स्वस्थ और सक्रिय बनाए रखने का एक वैज्ञानिक तरीका है। सही समय पर Physiotherapy लेने से न केवल दर्द और जकड़न से राहत मिलती है, बल्कि भविष्य में होने वाली कई गंभीर समस्याओं से भी बचाव किया जा सकता है।” — आदिश्री प्रेम, Physiotherapist, मेदांता अस्पताल

Physiotherapy न केवल दर्द और चोट का इलाज है, बल्कि यह जीवन की गुणवत्ता सुधारने, शरीर को लचीला और मजबूत बनाने तथा गंभीर बीमारियों से बचाव का भी तरीका है। इस World Physiotherapy Day पर जरूरी है कि हम इन मिथकों को तोड़ें और फिजियोथेरेपी के महत्व को समझें।

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