‘रामालय’ एक्सपीरियंस सेंटर उद्घाटन: भारत की सांस्कृतिक विरासत और प्रीमियम क्राफ्ट्समैनशिप को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत
श्रिपद रामायण और श्री कृष्ण लीला श्रृंखला के माध्यम से आगंतुकों को अद्वितीय सुगंध और कला अनुभव
नई दिल्ली: IITF 2025 में उत्तर प्रदेश पवेलियन का केंद्र आकर्षण बना ‘रामालय’ एक्सपीरियंस सेंटर, जिसका उद्घाटन केंद्रीय वाणिज्य राज्य मंत्री श्री जितिन प्रसाद ने किया।
केंद्रीय वाणिज्य राज्य मंत्री श्री जितिन प्रसाद ने आज IITF 2025 में उत्तर प्रदेश पवेलियन के अंतर्गत ‘रामालय’ एक्सपीरियंस सेंटर का उद्घाटन किया, जो भारत की सांस्कृतिक विरासत और लक्ज़री क्राफ्ट्समैनशिप को आधुनिक वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करता है।
यह सेंटर इस वर्ष के IITF विषय “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” के अनुरूप भारतीय कला, संस्कृति और आध्यात्मिक अनुभव को अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुत करता है।
रामालय: सांस्कृतिक और लक्ज़री पुनर्जागरण का केंद्र
रामालय भारतीय सुगंध विज्ञान, पारंपरिक कला और पवित्र कथाओं का अनूठा संगम प्रस्तुत करता है। उत्तर प्रदेश पवेलियन के आगंतुक यहां निम्नलिखित अनुभव कर सकते हैं:
- भारतीय शास्त्रों और कथाओं पर आधारित लक्ज़री सुगंध ब्रह्मांड
- मधुबनी और पट्टचित्र कला के माध्यम से कथा-वाचन
- राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता सांस्कृतिक संग्रह
- आस्था, भक्ति और विरासत को समर्पित परिष्कृत अनुभव
प्रमुख प्रस्तुतियां
1. श्रिपद रामायण श्रृंखला (राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता):
यूनेस्को-मान्यता प्राप्त मधुबनी कला में रामायण के दस प्रसंगों का चित्रण, प्रत्येक प्रसंग की भावनाओं के अनुरूप विशेष सुगंध के साथ।
2. श्री कृष्ण लीला श्रृंखला:
मथुरा और वृंदावन की परंपरा पर आधारित, पट्टचित्र शैली में लीला और संबंधित अद्वितीय सुगंध अनुभव।
मुख्य वक्तव्य
श्री जितिन प्रसाद:
“रामालय भारतीय सांस्कृतिक धरोहर को वैश्विक स्तर पर प्रीमियम प्रारूप में प्रस्तुत करने का उत्कृष्ट उदाहरण है। यह पहल परंपरा और नवाचार का शानदार संगम दिखाती है और वैश्विक बाजारों के नए द्वार खोलती है। मैं रामालय टीम को बधाई देता हूँ।”
पूर्व मुख्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्रा:
“रामालय हमारे सभ्यतागत मूल्यों और पवित्र कथाओं को वैश्विक स्तर के लक्ज़री उत्पादों में प्रस्तुत करता है। यह उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक नेतृत्व क्षमता को मजबूत करता है।”
संस्थापक श्री प्रशांत कुमार:
“रामालय केवल एक ब्रांड नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक जिम्मेदारी है। हमारा मिशन भारत की विरासत की सुगंध हर घर और वैश्विक दर्शकों तक पहुँचाना है। यह पहल उत्तर प्रदेश की आध्यात्मिक परंपरा को आधुनिक और विश्वस्तरीय स्वरूप में प्रस्तुत करती है।”
IITF 2025 का सांस्कृतिक आकर्षण
उत्तर प्रदेश पवेलियन में आगंतुक:
- लक्ज़री स्मृतिचिह्न अपने साथ ले जा सकते हैं
- सुगंध के माध्यम से भारत की पवित्र कथाओं का अनुभव कर सकते हैं
- राष्ट्रीय पुरस्कार–प्राप्त सांस्कृतिक संग्रह देख सकते हैं
- अयोध्या, मथुरा और जनकपुर की परंपराओं से जुड़ी कला-शिल्प देख सकते हैं