FIU-IND ने 25 आउटसोर्स वर्चुअल डिजिटल एसेट सेवा प्रदाताओं (VDA SPs) को PMLA प्रावधानों के उल्लंघन पर नोटिस जारी किए। टेकडाउन आदेश के साथ AML/CFT ढांचे को मजबूत करने का संकेत।
भारत की वित्तीय खुफिया इकाई (FIU-IND) ने मनी लॉन्ड्रिंग (रोकथाम) अधिनियम, 2002 की धारा 13 के तहत अनुपालन उल्लंघन पर 25 ऑफशोर वर्चुअल डिजिटल एसेट सेवा प्रदाताओं (VDA SPs) को नोटिस जारी किए हैं। इन संस्थाओं पर भारत में सेवाएँ देने के बावजूद FIU-IND के साथ पंजीकरण न कराने और AML/CFT ढांचे से बाहर रहकर काम करने का आरोप है।
सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 79(3)(b) के अंतर्गत, FIU-IND निदेशक ने इन संस्थाओं को भारत में उपलब्ध उनके एप्लिकेशन और URL को हटाने के लिए भी नोटिस जारी किए हैं।
कौन-कौन सी कंपनियाँ आईं कार्रवाई की जद में
इस सूची में Huione, BC.Game, Paxful, Changelly, CEX.IO, LBank, Youhodler, BingX, PrimeXBT, BTCC, CoinEx, Remitano, Poloniex, BitMex, Bitrue, LCX, Probit Global, BTSE, HitBTC, LocalCoinSwap, AscendEx, Phemex, ZooMex, CoinCola और CoinW जैसी प्रमुख अंतरराष्ट्रीय क्रिप्टो प्लेटफॉर्म शामिल हैं।
पृष्ठभूमि और नियामकीय ढांचा
मार्च 2023 में वर्चुअल डिजिटल एसेट सेवा प्रदाताओं को मनी लॉन्ड्रिंग विरोधी और आतंकवाद वित्त पोषण विरोधी (AML-CFT) ढांचे के अंतर्गत लाया गया था।
इसके तहत भारत में ऑनशोर या ऑफशोर संचालित सभी VDA सेवा प्रदाताओं को FIU-IND के साथ रिपोर्टिंग इकाई के रूप में पंजीकरण कराना और रिपोर्टिंग, रिकॉर्ड रखने सहित PMLA प्रावधानों का पालन करना अनिवार्य है।
अब तक का परिदृश्य
अब तक 50 VDA सेवा प्रदाता FIU-IND के साथ पंजीकृत हो चुके हैं। बावजूद इसके, कई ऑफशोर संस्थाएँ भारतीय ग्राहकों को सेवा देती हैं लेकिन नियामकीय ढांचे से बाहर रहकर कार्य करती हैं। यही वजह है कि FIU-IND समय-समय पर ऐसी संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है।
चेतावनी और जोखिम
सरकार ने एक बार फिर चेताया है कि क्रिप्टोकरेंसी और NFT अभी अनियंत्रित हैं और इनमें निवेश करने पर भारी जोखिम है। ऐसे लेन-देन से हुई हानि पर कोई नियामक उपाय उपलब्ध नहीं है।