400+ AQI में कर रहे हैं मॉर्निंग वॉक? सेहत को चुपचाप चोट पहुँचा रही हैं ये गंभीर बीमारियाँ

400+ AQI में कर रहे हैं मॉर्निंग वॉक? सेहत को चुपचाप चोट पहुँचा रही हैं ये गंभीर बीमारियाँ

400+ AQI में मॉर्निंग वॉक फायदेमंद नहीं, बल्कि तेज़ी से बढ़ाता है फेफड़ों, दिल और दिमाग से जुड़ी गंभीर बीमारियों का खतरा—विशेषज्ञों ने दी बड़ी चेतावनी।

15 नवंबर 2025, नई दिल्ली

दिल्ली–एनसीआर समेत देश के कई बड़े शहर इन दिनों गंभीर वायु प्रदूषण की चपेट में हैं। सर्दियों में AQI अक्सर 400 के पार ‘सीवियर’ लेवल तक पहुँच जाता है, फिर भी बहुत से लोग सुबह की मॉर्निंग वॉक या आउटडोर वर्कआउट जारी रखते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इतनी जहरीली हवा में व्यायाम करना फिटनेस नहीं, बल्कि खतरे को न्योता देना है।

400+ AQI वाली हवा में मौजूद अल्ट्रा-फाइन पार्टिकल्स (PM2.5) और जहरीली गैसें तेज़ व गहरी सांसों के साथ सीधे फेफड़ों तक पहुँच जाती हैं। एक्सरसाइज़ के दौरान सांसों की गति बढ़ने से ये प्रदूषक शरीर में सामान्य से कई गुना अधिक मात्रा में प्रवेश करते हैं, जिससे कई गंभीर बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है।

फेफड़ों पर भारी नुकसान

खराब वायु गुणवत्ता में सबसे पहले और सबसे गंभीर असर फेफड़ों पर पड़ता है। PM2.5 कण फेफड़ों के एयर सैक्स को ब्लॉक कर सकते हैं और उनमें सूजन पैदा कर देते हैं।
यह कई समस्याएँ पैदा कर सकता है—

अस्थमा और ब्रोंकाइटिस के लक्षण बढ़ना

सीओपीडी जैसी पुरानी बीमारियों का ट्रिगर होना

लंबे समय तक संपर्क में रहने पर फेफड़ों के कैंसर का बढ़ा जोखिम

दिल की बीमारियाँ: खतरा कई गुना ज़्यादा

जब प्रदूषक रक्तधारा में घुलने लगते हैं, तो वे रक्त वाहिकाओं को संकीर्ण कर देते हैं। इससे—

खून के थक्के बनने का जोखिम बढ़ता है

ब्लड प्रेशर तेजी से बढ़ सकता है

हार्ट अटैक या स्ट्रोक की संभावना कई गुना अधिक हो जाती है

विशेषज्ञों के अनुसार, उच्च AQI में बाहर व्यायाम करना हृदय रोगियों के लिए बेहद खतरनाक है।

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मस्तिष्क पर भी असर: बढ़ सकता है न्यूरोलॉजिकल जोखिम

हालिया शोध बताते हैं कि प्रदूषण के बेहद सूक्ष्म कण ब्लड-ब्रेन बैरियर को पार कर सीधे मस्तिष्क तक पहुँच सकते हैं।
इससे—

सूजन (न्यूरो-इंफ्लेमेशन)

सोचने और समझने की क्षमता कमजोर होना

दीर्घकाल में डिमेंशिया और पार्किंसंस जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है

कमजोर होती इम्यूनिटी

जब शरीर लगातार जहरीली हवा के संपर्क में रहता है, तो इम्यून सिस्टम कमजोर होने लगता है। फेफड़े बाहरी कणों से लड़ने में व्यस्त रहते हैं, जिससे शरीर की दूसरी संक्रमणों से लड़ने की क्षमता घट जाती है। नतीजा—

वायरल इन्फेक्शन जल्दी पकड़ लेते हैं

सामान्य फ्लू भी ज्यादा दिनों तक रहता है

गंभीर श्वसन संक्रमणों की आशंका बढ़ जाती है

क्या करें?

जब तक प्रदूषण का स्तर बेहद खराब है—

सुबह की वॉक या आउटडोर वर्कआउट से बचें

घर के अंदर योग, स्ट्रेचिंग या हल्का कार्डियो करें

एयर प्यूरीफायर वाले कमरे में एक्सरसाइज़ करना बेहतर विकल्प है

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का स्पष्ट कहना है—शुरुआत फिटनेस से करें, लेकिन समझदारी के साथ। 400+ AQI में बाहर वर्कआउट करना शरीर को फायदा नहीं बल्कि नुकसान पहुँचाता है।

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